संयुक्त राष्ट्र में भारत का पलटवार: जो देश अपने ही लोगों पर बम गिराए

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पूनम शर्मा
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को उसके झूठ और पाखंड के लिए आड़े हाथों लिया। भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवतनेनी हरीश ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर पर दिए गए बयान को “भ्रमित और भ्रमजाल से भरी बकवास” करार दिया।

हरीश जी ने कहा कि हर साल संयुक्त राष्ट्र मंच पर पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी वही पुरानी, झूठी कहानी दोहराता है, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर को लेकर, जो भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा —

“हर वर्ष हमें दुर्भाग्य से पाकिस्तान की वही भ्रमित करने वाली बातें सुननी पड़ती हैं, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर को लेकर — वो भारतीय क्षेत्र जिसे वे ललचाई नज़रों से देखते हैं।”

पाकिस्तान की पोल खोली भारत ने

भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान को दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने देश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर नज़र डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो अपने ही नागरिकों पर बम बरसाता है, अपने ही लोगों का नरसंहार करता है, और फिर मानवाधिकार की बात करने की ढोंग रचता है।

हरीश जी  ने कटाक्ष करते हुए कहा —

“जो देश अपने ही लोगों पर बम गिराता है, संगठित नरसंहार करता है, वह केवल दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए झूठ और अतिशयोक्ति का सहारा ले सकता है।”

1971 का सच: ऑपरेशन सर्चलाइट की याद

भारत के प्रतिनिधि ने अपने बयान में 1971 के ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ का भी उल्लेख किया — वह अमानवीय सैन्य अभियान जिसमें पाकिस्तान ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लाखों लोगों की हत्या की थी।

हरीश ने कहा —

“यह वही देश है जिसने 1971 में ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ चलाया था और अपनी ही महिलाओं के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से नरसंहार और सामूहिक बलात्कार का अभियान चलाया था। 4 लाख महिलाओं को उनकी अपनी सेना ने उत्पीड़न का शिकार बनाया था।”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज भी उन्हीं अपराधों के बोझ तले दबा हुआ है, और उसकी झूठी बयानबाज़ी दुनिया को गुमराह नहीं कर सकती।

भारत की नारी सुरक्षा नीति का उदाहरण

हरीश ने यह भी बताया कि भारत ‘महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडा’ पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने शांति अभियानों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की है और उनकी सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं।

इसके विपरीत, पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति दयनीय है — जहाँ  शिक्षा, रोजगार और अभिव्यक्ति के अधिकार लगातार कुचले जा रहे हैं।

“दुनिया पाकिस्तान की सच्चाई जानती है”

अपने भाषण के अंत में हरीश ने कहा —

“दुनिया पाकिस्तान के झूठ और पाखंड को पहचान चुकी है। एक ऐसा देश जो आतंकवाद को सरकारी नीति के रूप में अपनाता है, वह किसी और को मानवाधिकार का पाठ नहीं पढ़ा सकता।”

भारत ने साफ किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक विषय है और पाकिस्तान का कोई भी बयान न तो सच्चाई बदल सकता है और न ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भ्रमित कर सकता है।

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