सेन समाज ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

जयपुर में नाई महासभा के कार्यक्रम में बोले बिरला- श्रम ही सर्वोच्च पूजा और सेवा ही सबसे बड़ा धर्म

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  • सर्वोच्च धर्म श्रम और सेवा: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सेन समाज ने हमेशा सेवा, श्रम और समर्पण को अपना सर्वोच्च धर्म मानकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया है।
  • प्रतिभा और मूल्यों का सम्मान: बिरला ने राष्ट्रीय नाई महासभा द्वारा आयोजित समारोह में मेधावी युवाओं और भामाशाहों को सम्मानित किया, इसे सामूहिक मूल्यों का सम्मान बताया।
  • आत्मनिर्भरता का आह्वान: बिरला ने युवाओं से सेनजी महाराज और नारायणी माता के आदर्शों पर चलते हुए शिक्षा और तकनीक के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।

समग्र समाचार सेवा
जयपुर, 6 अक्टूबर, 2025: जयपुर में राष्ट्रीय नाई महासभा द्वारा आयोजित प्रतिभा एवं भामाशाह सम्मान समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने सेन समाज के योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की और कहा कि यह समाज अपनी शिक्षा, कौशल और संस्कारों के माध्यम से आज भी नई पीढ़ी को लगातार प्रेरणा दे रहा है।

बिरला ने जोर देकर कहा कि सेन समाज ने अपनी कर्मठता और समर्पण के बल पर राष्ट्र निर्माण में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान केवल उन व्यक्तियों का नहीं है जिन्हें आज मंच पर सम्मानित किया गया है, बल्कि यह पूरी संस्कृति और सामूहिक मूल्यों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के भीतर सेवा और दान की परंपरा ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति होती है, जो उसके भविष्य को सही दिशा देती है।

सेन समाज ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
सेन समाज ने हमेशा राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला
सेनजी महाराज और नारायणी माता: आदर्शों का आधार

ओम बिरला ने अपने संबोधन में सेन समाज की आध्यात्मिक आधारशिला पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेनजी महाराज ने अपने जीवन से यह संदेश दिया कि ‘श्रम ही सर्वोच्च पूजा है और सेवा ही सबसे बड़ा धर्म’। यह आदर्श आज भी समाज को कर्मठता की प्रेरणा देता है।

वहीं, उन्होंने नारायणी माता को आस्था और विश्वास की आधारशिला बताया। बिरला ने कहा कि नारायणी माता के आशीर्वाद से ही इस समाज ने अपनी परंपराओं और संस्कारों को सदियों से जीवंत रखा है। यही कारण है कि यह समाज हर दौर में सामने आई चुनौतियों का सामना करते हुए भी राष्ट्र की सेवा में हमेशा आगे खड़ा रहा है।

राष्ट्रीय नाई महासभा के प्रयासों की सराहना

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस अवसर पर राष्ट्रीय नाई महासभा की सक्रिय कार्यप्रणाली की विशेष रूप से सराहना की। उन्होंने कहा कि यह संगठन पूरे देश में रक्तदान शिविर, चिकित्सा सेवाएँ, नशा मुक्ति अभियान और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है।

बिरला ने महासभा द्वारा चलाई जा रही छात्रवृत्ति, कोचिंग और करियर मार्गदर्शन जैसी योजनाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये पहल युवाओं को नई राह दिखा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब मेहनती प्रतिभाओं को सार्वजनिक मंच पर सम्मानित किया जाता है, तो उनमें नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होता है। यह आत्मविश्वास न केवल उन्हें व्यक्तिगत सफलता दिलाता है, बल्कि समाज को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाता है।

युवाओं से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान

लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं से विशेष रूप से आह्वान किया कि वे सेनजी महाराज के आदर्शों और नारायणी माता की शिक्षाओं को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवाओं को शिक्षा, कौशल और तकनीक को अपनाकर आत्मनिर्भर बनने पर जोर देना चाहिए।

बिरला ने अंत में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए कहा कि जब समाज का हर युवा सक्षम और आत्मनिर्भर होगा, तभी एक मजबूत और सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव होगा। इस सम्मान समारोह में पूज्य शंकराचार्य श्री प्रज्ञानंद सरस्वती जी महाराज, राज्यसभा सदस्य मदन राठौर, सांसद राव राजेंद्र सिंह, विधायक बालमुकुन्दाचार्य, सेन समाज के आचार्य श्री चम्पालाल महाराज, महापौर सौम्या गुर्जर, डिप्टी मेयर पुनीत करनावत और सेन समाज के प्रदेशाध्यक्ष अशोक सरना सहित बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।

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