जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव: भाजपा उम्मीदवार के नाम पर जल्द फैसला, कई दिग्गजों में दौड़ तेज
पूर्व उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह समेत कई नेता दावेदारी में, हाईकमान की बैठक में होगा अंतिम चयन
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भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति 10 अक्टूबर तक उम्मीदवार के नाम पर फैसला कर सकती है।
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निर्मल सिंह, सत शर्मा, सुनील सेठी और रविंद्र रैना सहित दर्जनभर नेताओं ने दावा ठोका।
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एनसी-कांग्रेस गठबंधन ने सीट बंटवारे पर अभी निर्णय नहीं लिया है।
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विधानसभा में संख्या बल से भाजपा को रणनीतिक फैसले की जरूरत होगी।
समग्र समाचार सेवा
जम्मू-कश्मीर, 6 अक्टूबर: जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा जल्द ही अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है। पार्टी के भीतर इस पद को लेकर कई अनुभवी नेताओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, दिल्ली में भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 10 अक्टूबर तक आयोजित की जा सकती है, जिसमें उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
संभावित दावेदारों में पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, पूर्व विधायक सत शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता सुनील सेठी, और पूर्व विधायक रविंद्र रैना शामिल हैं। इसके अलावा, शाम चौधरी, सुखनंदन चौधरी, अजय नंदा, मुनीश शर्मा, और असीम गुप्ता के नाम भी इस सूची में चर्चा में हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, हाइकमान संसद में भाजपा की नीतियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने वाले और जम्मू-कश्मीर की बदलती राजनीतिक परिस्थितियों को बेहतर ढंग से व्यक्त करने में सक्षम नेता को उम्मीदवार बनाना चाहता है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने बताया कि पार्टी सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और उम्मीदवार का चयन दिल्ली में होने वाली हाईकमान बैठक में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोर ग्रुप की बैठक में कुछ नामों पर चर्चा हो चुकी है, और अंतिम फैसला अगले कुछ दिनों में सामने आएगा।
वहीं, विपक्षी पार्टियां भी अपनी रणनीति पर काम कर रही हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के बीच अभी सीटों के बंटवारे पर औपचारिक सहमति नहीं बनी है। एनसी सूत्रों के अनुसार, पार्टी चार सीटों पर उम्मीदवार उतारने का विचार कर रही है, जबकि कांग्रेस एक सीट के लिए एनसी और अन्य दलों का समर्थन जुटाने की दिशा में काम कर रही है।
विधानसभा के गणित में भी दिलचस्प समीकरण बनता दिखाई दे रहा है। कुल 90 सीटों में से दो बडगाम और नगरोटा खाली हैं। फिलहाल एनसी, कांग्रेस, सीपीआई(एम) और गठबंधन समर्थक निर्दलीय विधायकों की संख्या 53 है, जबकि भाजपा के पास 28 सीटें हैं। ऐसे में राज्यसभा चुनाव का नतीजा विपक्षी गठबंधन और भाजपा दोनों की राजनीतिक स्थिति तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।