महागठबंधन में तकरार: CPI-CPM ने माँगी 35 सीटें
सीट बंटवारे में हो रही देरी पर वाम दलों ने जताई चिंता, कहा- सम्मानजनक हिस्सेदारी जरूरी
- 35 सीटों की डिमांड: सीपीआई (भाकपा) ने 24 और सीपीएम (माकपा) ने 11 सीटों, यानी कुल 35 सीटों की मांग महागठबंधन से रखी है।
- सीएम फेस पर दबाव: वाम दलों ने साफ किया है कि चुनावी मैदान में उतरने के लिए तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना होगा।
- तैयारी प्रभावित: वामपंथी दलों ने सीट बंटवारे में हो रही देरी पर चिंता जाहिर की है, कहा- इससे उनकी चुनावी तैयारी प्रभावित हो रही है।
समग्र समाचार सेवा
हाजीपुर/पटना, 4 अक्तूबर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही विपक्षी महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) में सीट बंटवारे को लेकर दबाव की राजनीति तेज हो गई है। महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPM) ने शुक्रवार को संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी मांगें सार्वजनिक कर दीं।
लेफ्ट के इन दोनों दलों ने सबसे पहले इस बात पर जोर दिया कि सीट शेयरिंग का फार्मूला जल्द से जल्द तय होना चाहिए। नेताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सीट बंटवारे में हो रही देरी से जमीन पर उनकी चुनावी तैयारी प्रभावित हो रही है। उनका कहना है कि चंदा जुटाकर चुनाव लड़ने वाली लेफ्ट पार्टियों को सीट बंटवारे में देरी से नुकसान होगा।
CPI-CPM की बढ़ी हुई हिस्सेदारी की मांग
वाम दलों ने इस बार अपनी बढ़ी हुई राजनीतिक ताकत का दावा करते हुए अधिक सीटों की मांग रखी है।
CPI (भाकपा): ने 24 सीटों पर लड़ने का प्रस्ताव रखा है।
CPM (माकपा): ने 11 सीटों की मांग की है।
इस प्रकार दोनों दलों की कुल डिमांड 35 सीटों की है। यह मांग इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में CPI को 6 और CPM को 4 सीटें ही मिली थीं। वाम दलों का दावा है कि उन्होंने जमीनी मुद्दों को उठाकर अपना जनाधार बढ़ाया है और वे सहयोगी दलों को सबसे मज़बूती से वोट ट्रांसफर कराते हैं।
तेजस्वी को CM फेस घोषित करने की शर्त
सीटों की मांग के साथ-साथ CPI और CPM ने एक बड़ी राजनीतिक शर्त भी रखी है। वाम दलों के नेताओं ने साफ किया कि चुनाव में उतरने के लिए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करना होगा। उनका कहना है कि तेजस्वी ही राज्य में युवाओं और दलितों के बीच गठबंधन का सबसे मजबूत चेहरा हैं।
यह मांग उस समय सामने आई है जब महागठबंधन के भीतर कांग्रेस और अन्य छोटे सहयोगी दल भी अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस भी इस बार 70 सीटों तक पर दावेदारी कर रही है, जबकि वीआईपी के मुकेश सहनी भी डिप्टी सीएम पद के साथ बड़ी संख्या में सीटें मांग चुके हैं।
वाम दलों ने यह भी बताया कि उन्होंने अपनी मांगें महागठबंधन की कॉर्डिनेशन कमेटी में रख दी हैं और उन्हें सम्मानजनक सीट बंटवारे की पूरी उम्मीद है। इन मांगों से अब राजद और कांग्रेस पर जल्द से जल्द अंतिम फैसला लेने का दबाव और बढ़ गया है, क्योंकि बिहार में चुनाव की घोषणा अगले सप्ताह किसी भी समय हो सकती है।