ओवैसी ने BJP सरकार पर साधा निशाना, कहा- ‘आई लव मोदी तो कह सकते हैं, मोहम्मद नहीं

आई लव मोदी’ पोस्टर को लेकर सरकार की सहमति, ‘आई लव मोहम्मद’ पर विरोध और विवाद

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  • ओवैसी ने कहा, देश में मोदी के लिए तो प्यार जताना आसान, मोहम्मद का नाम लेने पर दिक्क
  • मस्जिदों पर कब्जा लेने की बात उठाई और मुसलमानों की चिंता जताई
  • पुलिस लाठीचार्ज और सत्ता पक्ष की कटु आलोचना की
  • यूपी से शुरू हुए विवाद में कई राज्यों में बढ़ा तनाव

समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद, 3 अक्टूबर: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमनी (AIMIM) के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने गुरुवार को एक जनसभा में कहा कि देश में ‘आई लव मोदी’ कहना तो ठीक है, लेकिन ‘आई लव मोहम्मद’ कहना नागवार गुजरता है। यह बयान उस विवाद के बीच आया है, जहां उत्तर प्रदेश में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद ने उथल-पुथल मचा दी।

ओवैसी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार मुसलमानों के धार्मिक स्थलों पर कब्जा करना चाहती है और इस मामले में कई संवेदनशील कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि इस देश में जब आप मोदी के लिए प्यार दिखा सकते हैं, तब मोहम्मद का नाम लेना मुश्किल क्यों है। उनका ताना था कि जिन लोगों के पोस्टर लग जाते हैं, वे ही ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर को लेकर नाराज़ हो जाते हैं।

पुलिस की भूमिका पर भी उन्होंने सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि पुलिस हमेशा सत्ता पक्ष के प्रति वफादार होती है और उसका दमन आम जनता पर चलता है। उन्होंने कुछ वीडियो का हवाला दिया जिसमें पुलिस की लाठीचार्ज करते हुए दुकानदारों पर फूल बरसाए जा रहे हैं, जो पुलिस की दमनकारी छवि के खिलाफ है।

यह विवाद उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर को लेकर शुरू हुआ था। वहां पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जो अब दूसरे राज्यों तक फैल चुकी हैं। ओवैसी के बयान ने इस विवाद को राजनीतिक रंग दे दिया है, जिससे देश में भावनाएं और भी भड़क गई हैं।

AIMIM प्रमुख का यह कड़ा रुख इस बात का संकेत है कि आगामी राजनीतिक माहौल और चुनावी परिदृश्य में धार्मिक और सांप्रदायिक मुद्दे और अधिक उठेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विवाद को कैसे संभालती है और विपक्ष इसे किस तरह आगे बढ़ाता है।

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