सीतापुर स्कूल विवाद: हिंदू बच्चों से लिखवाया ‘I Love Muhammad’, अभिभावक भड़के

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक प्राइवेट स्कूल पर आरोप, बच्चों ने बताया मजबूरी से लिखवाया विवादित वाक्य; पुलिस ने 3 लोगों पर FIR दर्ज की

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  • सीतापुर के सदरपुर इलाके के एक प्राइवेट स्कूल में आर्ट प्रतियोगिता के नाम पर छोटे हिंदू बच्चों से जबरन ‘I Love Muhammad’ लिखवाने का आरोप।
  • बच्चों ने  घर जाकर माता-पिता को बताई, परिजन परेशान होकर बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद को सूचित किया
  • हिंदूवादी संगठनों की शिकायत पर पुलिस ने स्कूल मैनेजर समेत 3 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।
  • यह विवाद कानपुर से शुरू हुए धार्मिक पोस्टर विवाद का विस्तार माना जा रहा है।    

कुमार राकेश

सीतापुर, 30 सितंबर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक प्राइवेट स्कूल को लेकर बड़ा विवाद सामने आया है। आरोप है कि स्कूल ने आर्ट प्रतियोगिता के नाम पर छोटे हिंदू बच्चों से जबरन ‘I Love Muhammad’ लिखवाया। यह मामला बच्चों द्वारा माता-पिता को घटना बताने के बाद उजागर हुआ, जिससे अभिभावक नाराज हो गए और उन्होंने तुरंत हिंदूवादी संगठनों को सूचित किया।

बच्चों ने घर लौटकर बताया कि स्कूल ने प्रतियोगिता का आयोजन किया और उन्हें इस विवादित वाक्य को लिखने के लिए मजबूर किया गया। यह सुनकर माता-पिता में भारी रोष फैल गया। उन्होंने मामले की जानकारी बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसी संगठनों को दी। इन संगठनों ने मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस से शिकायत की।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्कूल के मैनेजर समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की और मामले की गहन जांच शुरू कर दी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या बच्चों पर वाकई में दबाव बनाया गया और स्कूल प्रबंधन ने जानबूझकर ऐसा किया या नहीं।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब उत्तर प्रदेश पहले से ही धार्मिक पोस्टर और समुदायों को लेकर अशांत है। कानपुर में इसी तरह के विवाद के बाद बरेली और उन्नाव में भी तनाव की स्थिति पैदा हुई थी। अब यह आग बढ़ते-बढ़ते सीतापुर के स्कूल तक पहुँच गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों और अभिभावकों की भावनाओं को देखते हुए स्कूल प्रबंधन और अधिकारियों को सावधानी से मामले की जांच करनी होगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के घटनाक्रम से समाज में तनाव और अलगाव की भावना पैदा होती है। कई अभिभावक चाहते हैं कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी यह एक चेतावनी है कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार के धार्मिक या राजनीतिक दबाव को पूरी तरह से रोका जाए।

हिंदूवादी संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि बच्चों को किसी भी प्रकार के धार्मिक वाक्य लिखने के लिए मजबूर करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि समाज में तनाव फैलाने वाला कदम है। उनका कहना है कि ऐसे मामलों में समय रहते उचित कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।

पुलिस ने यह भी कहा कि मामले की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्कूल प्रबंधन ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। जिले में स्थिति अभी तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

इस घटना ने उत्तर प्रदेश में धार्मिक संवेदनाओं और बच्चों की सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। ऐसे मामलों को लेकर समाज और प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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