UN में शहबाज शरीफ का ‘झूठा’ दावा: ‘7 भारतीय जेट्स को कबाड़ बना दिया’

पाक पीएम ने UNGA में मई के संघर्ष को लेकर फैलाई अफवाह, भारत ने पहले भी खारिज किए थे दावे।

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  • पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने संबोधन के दौरान दावा किया कि मई 2025 में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने सात भारतीय जेट विमानों को कबाड़ में बदल दिया।
  • भारत ने पाकिस्तानी पीएम के इस दावे को पूरी तरह निराधार और झूठा प्रचार बताते हुए खारिज किया है; भारत के अनुसार, यह दावा पाकिस्तान द्वारा अपनी सैन्य विफलता छिपाने का प्रयास है।
  • शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भी जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी मध्यस्थता से ही संघर्ष विराम संभव हो पाया, जबकि भारत इस दावे को भी अस्वीकार कर चुका है।

समग्र समाचार सेवा
न्यूयॉर्क, 26 सितंबर: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में एक बार फिर भारत के खिलाफ झूठा दावा करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि इस साल मई में उनके देश को “पूर्वी मोर्चे से बिना उकसावे के आक्रामकता” का सामना करना पड़ा। उन्होंने पाकिस्तानी वायु सेना के पायलटों को “बाज़” (Falcons) बताते हुए दावा किया कि “हमारे बाजों ने उड़ान भरी और सात भारतीय विमानों को कबाड़ और धूल में बदल दिया।”

यह दावा उस संघर्ष के संदर्भ में किया गया, जो भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत की गई जवाबी कार्रवाई के बाद हुआ था। भारत ने यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई 2025 को शुरू किया था, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। भारत ने स्पष्ट किया था कि उसकी कार्रवाई आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित थी और उसने नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने से परहेज किया था।

भारत का स्पष्ट रुख: दावा पूरी तरह बेबुनियाद

शहबाज शरीफ का यह दावा पाकिस्तान द्वारा पहले किए गए उन दावों की ही पुनरावृत्ति है, जिन्हें भारत ने बार-बार सिरे से खारिज किया है। भारतीय रक्षा अधिकारियों ने पहले भी यह स्पष्ट किया है कि संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया गया था और भारत के विमानों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था।

भारत ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी लॉन्चपैड को निशाना बनाया था और बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया था। भारतीय एयर चीफ मार्शल ने पिछले महीने ही पुष्टि की थी कि भारतीय विमानों ने पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया था। ऐसे में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यूएन के मंच से “सात भारतीय जेट्स को कबाड़” में बदलने का दावा करना केवल झूठा प्रचार है, जिसका कोई ठोस प्रमाण पाकिस्तान कभी प्रस्तुत नहीं कर पाया है।

ट्रंप की प्रशंसा और शांति प्रस्ताव का पाखंड

शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में एक और विवादास्पद टिप्पणी करते हुए संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने ट्रंप को “शांति का पुरुष” (Man of Peace) बताया और कहा कि उनकी “साहसी और निर्णायक” नेतृत्व क्षमता ने दक्षिण एशिया में युद्ध को टालने में मदद की। शरीफ ने यहां तक कहा कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करना पाकिस्तान की ओर से कम से कम किया जाने वाला काम होगा।

हालांकि, भारत ने पहले भी ट्रंप के मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है। भारत का आधिकारिक रुख यही रहा है कि संघर्ष विराम सीधे दोनों देशों की सेनाओं के महानिदेशकों (DGMOs) के बीच पाकिस्तान के अनुरोध पर हुई बातचीत के बाद हुआ था।

अपने संबोधन के अंत में, शरीफ ने भारत को “समग्र, व्यापक और परिणामोन्मुखी वार्ता” का प्रस्ताव भी दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों पर भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार है। यह एक विरोधाभासी कदम था, जहां एक ओर उन्होंने भारत पर झूठे आरोप लगाए, वहीं दूसरी ओर शांति वार्ता की बात भी की, जिसे भारत पहले ही सीमा पार आतंकवाद बंद होने की शर्त पर खारिज कर चुका है। शरीफ ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे और फलस्तीन की दुर्दशा पर भी बात की।

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