नई जीएसटी सुधारों से समाज के सभी वर्गों को लाभ : प्रधानमंत्री

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पूनम शर्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि नई पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का लाभ हर वर्ग तक पहुँचेगा। उन्होंने इस मौके पर इसे ‘जीएसटी बचत उत्सव’ करार देते हुए कहा कि यह सुधार न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएंगे बल्कि आम जनता की जेब में अधिक बचत भी पहुँचाएंगे।

नवरात्र की शुरुआत के साथ ‘जीएसटी बचत उत्सव’

प्रधानमंत्री ने नवरात्र के पहले दिन जीएसटी सुधारों की शुरुआत को शुभ संकेत बताया। उन्होंने देशवासियों से आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलकर 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने का आह्वान किया। मोदी ने कहा, “यह साल त्योहारों में एक नई खुशी लेकर आया है। नई जीएसटी दरें किसानों, महिलाओं, युवाओं, गरीबों, मध्यम वर्ग, व्यापारियों और एमएसएमई सभी को लाभ पहुँचाएंगी।”

दो प्रमुख कर स्लैब और दैनिक जरूरत की वस्तुओं पर राहत

मोदी ने बताया कि नई व्यवस्था में मुख्यतः दो कर स्लैब रहेंगे – 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत। उन्होंने कहा, “खाद्य सामग्री, दवाएँ, साबुन, टूथपेस्ट, बीमा जैसी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएँ अब या तो कर-मुक्त होंगी या 5 प्रतिशत के सबसे निचले कर स्लैब में आएँगी। पहले 12 प्रतिशत वाले अधिकांश सामान अब 5 प्रतिशत श्रेणी में आ गए हैं।”

प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष जताया कि दुकानदार और व्यापारी ‘पहले और अब’ के बोर्ड लगाकर उपभोक्ताओं को नए कर लाभ की जानकारी दे रहे हैं।

25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर, आयकर में भी बड़ी राहत

मोदी ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठकर नव-मध्यवर्ग में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि आयकर व्यवस्था में बड़े सुधारों के बाद 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर शून्य कर सुनिश्चित हुआ है। “आयकर में कटौती और नई जीएसटी दरों को मिलाकर देखा जाए तो जनता को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी,” प्रधानमंत्री ने कहा।

घर-परिवार के खर्च में कमी और नए अवसर

मोदी के अनुसार नई दरें घर-परिवार के खर्च को कम करेंगी और लोगों के सपनों को पूरा करना आसान बनाएंगी – जैसे घर बनाना, वाहन खरीदना, उपकरण खरीदना, बाहर भोजन करना या पारिवारिक छुट्टियाँ मनाना। उन्होंने कहा कि 2017 में शुरू हुआ जीएसटी अभियान कई करों के जाल से नागरिकों और व्यवसायों को मुक्त कराने वाला बड़ा कदम था। “वन नेशन, वन टैक्स” ने देश को आर्थिक रूप से एक किया। अब ये नए सुधार उस यात्रा को आगे बढ़ाते हुए व्यवस्था को और सरल बना रहे हैं।

एमएसएमई और छोटे कारोबारियों के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’

प्रधानमंत्री ने कहा कि नई दरें छोटे उद्योगों, दुकानदारों, व्यापारियों, उद्यमियों और एमएसएमई के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ और ‘ईज ऑफ कॉम्प्लायंस’ को बढ़ावा देंगी। कम कर, कम कीमतें और सरल नियम बिक्री को बढ़ाएँगे, अनुपालन का बोझ घटाएँगे और विशेषकर एमएसएमई क्षेत्र में नए अवसर पैदा करेंगे।

‘विकसित भारत 2047’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की राह

मोदी ने कहा कि 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को पाने के लिए आत्मनिर्भरता अनिवार्य है। उन्होंने स्थानीय निर्माण और ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया। “इस त्योहार के मौसम में संकल्प लें कि भारतीय उत्पाद खरीदें। हर बार जब आप हमारे अपने कारीगरों, मजदूरों और उद्योगों द्वारा बनाए उत्पाद खरीदते हैं, तो आप अनेक परिवारों को आजीविका देते हैं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनाते हैं,” उन्होंने कहा।

प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से भी उद्योग, निर्माण और निवेश माहौल को बेहतर बनाने के प्रयास तेज़ करने की अपील की।

‘स्वदेशी’ पर गर्व – जनता और व्यापारियों से आह्वान

मोदी ने जनता और व्यापारियों से स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “गर्व से कहें – जो हम खरीदते हैं वह स्वदेशी है, गर्व से कहें – जो हम बेचते हैं वह स्वदेशी है।” उन्होंने कहा कि इस तरह हम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ा कदम उठाएँगे।

सोशल मीडिया पर साझा किया ‘जीएसटी बचत उत्सव’ संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने अरुणाचल प्रदेश दौरे के दौरान व्यापारियों के साथ हुई बातचीत का वीडियो साझा करते हुए ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के प्रति देश की उम्मीदों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नवरात्र के इस पावन अवसर पर देश नई जीएसटी दरों के लाभ से उत्साहित है।

निष्कर्ष : उत्सव और बचत दोनों साथ

नई जीएसटी दरों ने त्योहारों के मौसम को और भी खास बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि अब प्रत्येक परिवार को अधिक बचत और प्रत्येक व्यवसाय को अधिक सरलता मिलेगी। आने वाले महीनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन सुधारों का वास्तविक लाभ समाज के हर वर्ग तक किस तरह पहुँचता है।

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