बीजेपी का चुनावी बिगुल, तीन राज्यों में नए प्रभारी नियुक्त
बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव प्रभारियों की घोषणा, धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और वैजयंत पांडा को अहम जिम्मेदारी।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को तेज करते हुए बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के लिए नए चुनाव प्रभारियों और सह-प्रभारियों की नियुक्ति की घोषणा की है।
- केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार का चुनाव प्रभारी बनाया गया है, जबकि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पश्चिम बंगाल और पार्टी उपाध्यक्ष वैजयंत ‘जय’ पांडा को तमिलनाडु का जिम्मा सौंपा गया है।
- यह फैसला आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति को मजबूत करने और क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करने के लिए लिया गया है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 सितंबर: भारतीय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपनी चुनावी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के लिए वरिष्ठ नेताओं को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। यह कदम इन राज्यों में पार्टी के संगठन को मजबूत करने और चुनावी मशीनरी को सक्रिय करने का संकेत है।
बिहार के लिए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ गुजरात बीजेपी प्रमुख सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। बिहार में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, और यह फैसला राज्य में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की स्थिति को और मजबूत करने के लिए लिया गया है, खासकर नीतीश कुमार के फिर से गठबंधन में शामिल होने के बाद।
पश्चिम बंगाल में, जहां बीजेपी पिछले चुनावों में एक मजबूत ताकत बनकर उभरी थी, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चुनाव प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को सह-प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। यह नियुक्ति पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने के लिए एक आक्रामक रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है।
तमिलनाडु में, पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोल को सह-प्रभारी बनाया गया है। तमिलनाडु में बीजेपी अभी भी एक जूनियर पार्टनर के रूप में है, और पार्टी द्रविड़ पार्टियों के गढ़ में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। पांडा की नियुक्ति दक्षिण भारत में पार्टी की पैठ बनाने की रणनीति का हिस्सा है।
अनुभवी नेताओं पर भरोसा
इन नियुक्तियों से साफ है कि बीजेपी उन राज्यों में अनुभवी और कुशल नेताओं पर भरोसा कर रही है, जहां उसे कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव दोनों ही अपने चुनावी प्रबंधन कौशल के लिए जाने जाते हैं और उन्होंने पहले भी कई राज्यों में पार्टी को सफलता दिलाई है। यह कदम पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व की मजबूत पकड़ और आगामी चुनावों को लेकर उसकी गंभीरता को भी दर्शाता है।
इन नियुक्तियों के बाद, उम्मीद है कि ये नेता जल्द ही संबंधित राज्यों में अपना कार्यभार संभालेंगे और पार्टी की चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। यह फैसला न केवल पार्टी की संगठनात्मक रणनीति का हिस्सा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बीजेपी ने आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।