बिहार में कांग्रेस की ऐतिहासिक CWC बैठक, तेलंगाना जैसी जीत का प्लान
आजादी के बाद पहली बार पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, राहुल-खड़गे ने बनाई चुनाव रणनीति।
- स्वतंत्रता के बाद पहली बार, कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति (CWC) की बैठक बिहार की राजधानी पटना में हो रही है, जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लगभग 170 नेता शामिल हैं।
- इस बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करना और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मिली सफलता को बिहार में भी दोहराने की तैयारी करना है।
- बैठक में ‘वोट चोरी’, मतदाता सूची की जांच और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसके बाद पार्टी ने ‘घर-घर अधिकार अभियान’ शुरू करने का फैसला किया है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 24 सितंबर, 2025: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए अपनी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक आजादी के बाद पहली बार बिहार की राजधानी पटना में आयोजित की। पटना के ऐतिहासिक सदाकत आश्रम में हो रही इस बैठक को आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के लिए एक ‘नई पारी’ की शुरुआत माना जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के लगभग सभी 170 सदस्य इस बैठक में मौजूद हैं।
यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि कांग्रेस ने 2023 में तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले भी CWC की बैठक वहीं आयोजित की थी, और उसके बाद पार्टी ने तेलंगाना में जीत हासिल की थी। कांग्रेस अब इसी सफलता को बिहार में दोहराने की उम्मीद कर रही है, जहाँ 1990 के दशक से पार्टी की स्थिति कमजोर हुई है।
‘वोट चोरी’ और वोटर लिस्ट की जांच पर विशेष ध्यान
बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इनमें चुनाव में पारदर्शिता, वोटर लिस्ट के विशेष निरीक्षण (SIR) में हुई कथित अनियमितता और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता जैसे विषय प्रमुख हैं। राहुल गांधी ने अपनी हाल ही की ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ में भी इन मुद्दों पर जोर दिया था, जिसके बाद पार्टी ने इन्हें प्राथमिकता दी है। राहुल ने बिहार में 16 दिनों में 1300 किलोमीटर की यात्रा तय कर 25 जिलों को कवर किया था।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में राहुल गांधी की यात्रा की सराहना की गई और यह फैसला लिया गया कि पार्टी बिहार में ‘घर-घर अधिकार अभियान’ चलाएगी, जिसका उद्देश्य लोगों को उनके वोट के अधिकार और चुनाव में होने वाली अनियमितताओं के बारे में जागरूक करना है।
महागठबंधन और सीट-बंटवारे का गणित
CWC की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट-बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है। कांग्रेस ने अभी तक यह साफ नहीं किया है कि वह कितनी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि महागठबंधन के एक प्रमुख सदस्य, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने साफ कर दिया है कि वह सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस की यह बैठक अपने सहयोगियों को यह संदेश देने का भी एक प्रयास है कि वह भी बिहार में एक मजबूत दावेदार है।
कुल मिलाकर, पटना की यह ऐतिहासिक बैठक कांग्रेस के लिए न केवल एक राजनीतिक अभियान है, बल्कि यह पार्टी की बिहार में अपनी खोई हुई प्रासंगिकता और जनाधार को वापस पाने की एक गंभीर कोशिश भी है।