‘मेरे रील्स देखना बंद करो, केजरीवाल जी’- दिल्ली CM रेखा गुप्ता

सीएम ने केजरीवाल पर 'छेड़छाड़' वाले EVM वीडियो को फैलाने का आरोप लगाया।

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  • दिल्ली की मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेखा गुप्ता ने आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर उनकी EVM पर की गई टिप्पणी का ‘छेड़छाड़’ वाला वीडियो फैलाने का आरोप लगाया है।
  • गुप्ता ने केजरीवाल को सलाह दी कि वे ‘मेरे रील्स देखना बंद करें’ और पंजाब में बाढ़ जैसी स्थिति पर ध्यान दें, जहाँ उनकी सरकार है।
  • यह विवाद आगामी चुनावों से पहले विपक्ष द्वारा EVM की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठाने के बीच राजनीतिक तनातनी को दर्शाता है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 सितंबर, 2025: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीतिक गरमाहट तेज हो गई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर एक ‘छेड़छाड़’ वाले वीडियो को लेकर तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है। इस विवाद ने दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक जंग को और भी बढ़ा दिया है, खासकर ऐसे समय में जब आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब अरविंद केजरीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक 14 सेकंड का वीडियो साझा किया, जिसमें रेखा गुप्ता EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हुई दिखाई दे रही थीं। केजरीवाल ने इस वीडियो के जरिए भाजपा को घेरने की कोशिश की, जो हमेशा EVM का बचाव करती रही है।

हालांकि, रेखा गुप्ता ने इसका तुरंत और जोरदार जवाब दिया। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर केजरीवाल को टैग करते हुए लिखा, “केजरीवाल जी, मेरे रील्स दिन भर देखना बंद कीजिए। आपके पास एक राज्य है, जिसे चलाना है। पंजाब बाढ़ का सामना कर रहा है और आप मेरे बयानों को काट-छांट कर फैलाने में व्यस्त हैं।”

गुप्ता ने साफ किया कि उनके बयान को उसके संदर्भ से अलग करके पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पूरे भाषण का वीडियो, जिसे भाजपा की दिल्ली इकाई ने साझा किया है, यह दिखाता है कि वह कांग्रेस की आलोचना कर रही थीं। वह यह कह रही थीं कि कांग्रेस लगातार EVM पर संदेह करती रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग बार-बार इसकी विश्वसनीयता को प्रमाणित कर चुके हैं।

रेखा गुप्ता ने कहा, “आप प्रमुख एक बड़ी बहस को एक छोटे से साउंडबाइट में बदलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार पारदर्शी चुनावों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ऐसे समय में हो रहा है जब विपक्ष के कई दल EVM को लेकर सवाल उठाते रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग और सर्वोच्च न्यायालय ने लगातार इसकी विश्वसनीयता पर जोर दिया है।

यह विवाद दोनों पार्टियों के बीच चल रही राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को दिखाता है। भाजपा, आप को पंजाब की समस्याओं से ध्यान भटकाने और गैर-जरूरी मुद्दों पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है, जबकि आप भाजपा को उसके दोहरे मापदंडों पर घेरने की कोशिश कर रही है। आने वाले चुनावों में EVM का मुद्दा एक बार फिर से राजनीतिक बहस का केंद्र बन सकता है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों पार्टियां इस पर कैसे अपनी-अपनी रणनीति बनाती हैं।

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