जयशंकर ने न्यूयॉर्क में मार्को रुबियो से मुलाकात की, टैरिफ पर चर्चा
अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने के बाद पहली मुलाकात, व्यापार और H-1B वीजा शुल्क पर हुई बात।
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के इतर न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की।
- यह मुलाकात अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली सीधी बातचीत थी, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था।
- दोनों मंत्रियों ने व्यापार, ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिजों और हाल ही में बढ़ाए गए H-1B वीजा शुल्क सहित कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 सितंबर, 2025: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को न्यूयॉर्क में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीद के कारण 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया गया था, जिससे कुल टैरिफ 50% तक बढ़ गया था। इस शुल्क के कारण दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव पैदा हो गया था। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान हुई, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करना था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “आज सुबह न्यूयॉर्क में @SecRubio से मिलकर अच्छा लगा। हमारी बातचीत में मौजूदा चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दे शामिल थे। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव के महत्व पर सहमति बनी। हम संपर्क में रहेंगे।”
रुबियो ने भी एक बयान जारी कर कहा कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की, जिसमें व्यापार, ऊर्जा, दवाइयां और महत्वपूर्ण खनिज शामिल थे, ताकि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों के लिए समृद्धि उत्पन्न की जा सके।
व्यापार और H-1B वीजा पर गरमागरम बहस
इस बैठक का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह हाल ही में अमेरिका द्वारा H-1B वीजा के लिए शुल्क में भारी वृद्धि के बाद हुई है। अमेरिकी सरकार ने H-1B वीजा आवेदनों पर 100,000 डॉलर का भारी-भरकम शुल्क लगाया है, जिससे भारतीय आईटी पेशेवरों और कंपनियों में चिंता बढ़ गई है। इस कदम से भारतीय आईटी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है, क्योंकि भारत इस वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है।
यह भी बताया गया है कि यह बैठक ऐसे दिन हुई जब केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में एक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहा है। दोनों पक्षों का उद्देश्य एक पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द से जल्द पूरा करना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि दोनों देश अपने तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के लिए कूटनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
यह मुलाकात भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रयास है, क्योंकि यह अमेरिका के साथ व्यापार और वीजा जैसे मुद्दों पर अपनी चिंताओं को सीधे तौर पर उठाने का मौका देती है। जयशंकर और रुबियो के बीच यह तीसरी मुलाकात थी। वे इससे पहले जुलाई में वाशिंगटन में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक और जनवरी में भी मिल चुके हैं, लेकिन यह पहली बार था जब वे अमेरिका द्वारा लगाए गए नवीनतम टैरिफ और वीजा शुल्क के बाद मिले। यह बैठक दर्शाती है कि चुनौतियों के बावजूद, दोनों देश अपने रणनीतिक संबंधों को बनाए रखने और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।