कनाडा में गिरफ्तार हुआ खालिस्तानी आतंकी पन्नू का खास गुर्गा

भारत-कनाडा संबंधों में सुधार का पहला बड़ा संकेत, इंद्रजीत सिंह गोसाल हथियारों के साथ पकड़ा गया।

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  • खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून का प्रमुख सहयोगी इंद्रजीत सिंह गोसाल कनाडा में गिरफ्तार हो गया है।
  • गोसाल को ओटावा में हथियारों से संबंधित कई आरोपों में हिरासत में लिया गया है, जिसे भारत और कनाडा के बीच सुरक्षा सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
  • यह गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों ने हाल ही में अपने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने और आतंकवाद पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई थी।

समग्र समाचार सेवा
ओटावा, 22 सितंबर, 2025: भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से तनावपूर्ण चल रहे संबंधों में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं। इस दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम उठाते हुए, कनाडाई अधिकारियों ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून के एक प्रमुख सहयोगी इंद्रजीत सिंह गोसाल को गिरफ्तार कर लिया है। गोसाल को ओटावा में हथियारों से जुड़े कई गंभीर आरोपों में हिरासत में लिया गया है। यह गिरफ्तारी दोनों देशों के बीच संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए हाल ही में हुई उच्च-स्तरीय बातचीत के बाद हुई है।

गोसाल, जो 36 वर्ष का है, भारत में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के लिए कनाडा में एक प्रमुख आयोजक के रूप में काम कर रहा था। जून 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की मौत के बाद SFJ की कमान काफी हद तक गोसाल के हाथों में आ गई थी। उसे कनाडा में आयोजित तथाकथित ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ का मुख्य आयोजक भी माना जाता है। इतना ही नहीं, गोसाल ने पन्नून के निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) के रूप में भी काम किया था, जिससे उसकी पन्नून के साथ निकटता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

हिंदू मंदिर पर हमले का भी था आरोपी

यह चौंकाने वाली बात है कि गोसाल को एक साल से भी कम समय में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है। पिछले साल नवंबर में भी उसे ग्रेटर टोरंटो एरिया (GTA) के एक हिंदू मंदिर में हुई हिंसक घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया गया था। उस समय उस पर हिंदू-कनाडाई उपासकों पर हमला करने का आरोप लगा था। हालांकि, तब उसे ‘पील रीजनल पुलिस’ द्वारा सशर्त जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस बार, उस पर सीधे हथियारों से जुड़े आरोप लगे हैं, जो उसकी संदिग्ध गतिविधियों को उजागर करते हैं।
यह गिरफ्तारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और उनकी कनाडाई समकक्ष नथाली ड्रौइन ने नई दिल्ली में व्यापक बातचीत की थी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारना था, जो 2023 में एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर तनावपूर्ण हो गए थे। तब कनाडा के प्रधानमंत्री ने इस हत्या में ‘संभावित भारतीय लिंक’ का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था।

विश्लेषकों का मानना है कि गोसाल की गिरफ्तारी खालिस्तानी समूहों के प्रति कनाडा के पहले के ‘उदार’ रुख से एक बड़ा बदलाव है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में इन समूहों को अपनी गतिविधियां चलाने की अनुमति देता था। यह गिरफ्तारी दिखाती है कि अब कनाडा भी आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ सहयोग करने को तैयार है।

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