आरएसएस का शताब्दी वर्ष: पूर्व राष्ट्रपति कोविंद और सरसंघचालक भागवत करेंगे शुभारंभ
2 अक्टूबर 2025 से शुरू होगा शताब्दी वर्ष, नागपुर में भव्य विजयादशमी उत्सव का आयोजन।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी वर्ष 2 अक्टूबर, 2025 की विजयादशमी से शुरू होगा और 2026 की विजयादशमी तक चलेगा।
- शताब्दी वर्ष के शुभारंभ कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे और सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत का उद्बोधन होगा।
- इस दौरान स्वयंसेवक पंच परिवर्तन (पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व-आधारित व्यवस्था, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य) पर जनजागरण अभियान चलाएंगे।
समग्र समाचार सेवा
नागपुर, 22 सितंबर, 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) 2 अक्टूबर, 2025 से अपने 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने जा रहा है। इस संबंध में, नागपुर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह उत्सव 2026 की विजयादशमी तक जारी रहेगा। इस दौरान देशभर में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाए जाएंगे, जिसमें संघ के स्वयंसेवक समाज के हर वर्ग तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
शताब्दी वर्ष का मुख्य जोर पंच परिवर्तन पर रहेगा। इन पांच बिंदुओं में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व-आधारित व्यवस्था, कुटुंब प्रबोधन और नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। संघ का मानना है कि इन क्षेत्रों में बदलाव लाकर ही एक मजबूत और समर्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है। इन उद्देश्यों को लेकर पूरे साल विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें गृह संपर्क अभियान, हिन्दू सम्मेलन, प्रबुद्ध नागरिक गोष्ठी और सामाजिक सद्भाव बैठकें प्रमुख हैं।
नागपुर में भव्य विजयादशमी उत्सव और पथ संचलन
शताब्दी वर्ष का शुभारंभ 2 अक्टूबर, 2025 को नागपुर के रेशीमबाग मैदान में होने वाले भव्य विजयादशमी उत्सव से होगा। इस कार्यक्रम में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद जी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करेंगे। आंबेकर ने बताया कि इस वर्ष विजयादशमी उत्सव में स्वयंसेवकों की संख्या में तीन गुना वृद्धि होने की उम्मीद है। पिछले साल गणवेश में लगभग 7 हजार स्वयंसेवक मौजूद थे, जबकि इस वर्ष यह संख्या काफी बढ़ सकती है।
विजयादशमी उत्सव के दौरान शस्त्रपूजन, प्रदक्षिणा संचलन, योग प्रात्यक्षिक, नियुद्ध और घोष प्रात्यक्षिक जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, संघ ने 27 सितंबर, 2025 को एक भव्य पथ संचलन का भी आयोजन किया है। यह पहली बार होगा जब यह संचलन तीन अलग-अलग स्थानों (कस्तुरचंद पार्क, यशवंत स्टेडियम और अमरावती रोड) से शुरू होकर सीताबर्डी के वैरायटी चौक में एक साथ मिलेगा। यहां पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत इसका अवलोकन करेंगे।
संघ का विस्तार और भविष्य की योजनाएं
प्रेस वार्ता में सुनील आंबेकर ने संघ के इतिहास और विस्तार पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार ने व्यक्ति निर्माण के उद्देश्य से एक संगठन की स्थापना की थी, जिसकी पहली बैठक में सिर्फ 17 साथी मौजूद थे। आज, संघ की 83 हजार से अधिक शाखाएं और 32 हजार से अधिक साप्ताहिक मिलन देशभर में चल रहे हैं। यह कार्य समाज के सभी वर्गों तक पहुंचा है।
उन्होंने बताया कि शताब्दी वर्ष के दौरान भारत के सभी राज्यों में जनता में उत्साह का वातावरण है। देशभर के लोग संघ के प्रति अपना विश्वास बढ़ा रहे हैं। संवाद सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत संबोधित करेंगे। इस वर्ष मणिपुर में भी बड़े उत्साह के साथ विजयादशमी उत्सव की तैयारी हो रही है। देश-विदेश के कई गणमान्य व्यक्ति भी इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे, जिनमें लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलिता, के.वी. कार्तिक और संजीव बजाज जैसे लोग प्रमुख हैं।