पाकिस्तानी एयरफोर्स का अपने ही नागरिकों पर हमला, 30 की मौत

खैबर पख्तूनख्वा में लड़ाकू विमानों ने बरसाए बम, मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल।

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  • पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तिराह घाटी में किए गए हवाई हमलों में कम से कम 30 नागरिकों की मौत हो गई है।
  • यह हमला सोमवार रात 2 बजे हुआ जब फाइटर जेट्स ने मत्रे दारा गांव पर 8 LS-6 बम गिराए, जिससे भारी तबाही हुई।
  • मरने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

समग्र समाचार सेवा
इस्लामाबाद, 22 सितंबर, 2025: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पाकिस्तानी वायु सेना (PAF) के एक घातक हवाई हमले में कम से कम 30 नागरिकों के मारे जाने की खबर है। यह हमला सोमवार देर रात करीब 2 बजे हुआ, जब पाकिस्तानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने तिराह घाटी के एक गांव, मत्रे दारा पर बमबारी की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी निर्मित JF-17 लड़ाकू विमानों से कुल 8 LS-6 बम गिराए गए, जिससे गांव का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से तबाह हो गया।

स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया पर सामने आए दिल दहला देने वाले दृश्यों में बच्चों सहित कई शव गांव के घरों और सड़कों पर बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं। इस हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बचाव दल अभी भी मलबे में दबे शवों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे यह आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है।

इस घटना पर पाकिस्तानी सेना और सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह आधिकारिक चुप्पी पहले भी खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में अपने ही नागरिकों के खिलाफ सेना की कार्रवाई के बाद देखी गई है। मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इस साल की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि प्रांत में बार-बार होने वाले हवाई हमले “नागरिक जीवन के प्रति एक खतरनाक उपेक्षा” दिखाते हैं। एमनेस्टी की उप क्षेत्रीय निदेशक इसाबेले लस्सी ने कहा था कि अधिकारी बढ़ती हमलों से नागरिकों की रक्षा करने में विफल रहे हैं।

आतंकियों के ठिकाने या निर्दोष नागरिक?

रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना का दावा है कि ये हमले तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए किए गए थे। हालांकि, हमला रात में हुआ, और मारे गए सभी लोग नागरिक थे, जिससे पाकिस्तानी सेना की मंशा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त के बीच प्रांत में 605 आतंकी घटनाएं हुई हैं, जिनमें 138 नागरिक और 79 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। अकेले अगस्त में 129 घटनाएं हुईं, जिनमें छह पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक बलों के जवान भी मारे गए।

यह भी माना जा रहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, जिसने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया था, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे समूह अफगानिस्तान सीमा के पास खैबर पख्तूनख्वा में नए ठिकाने बना रहे हैं। प्रांत के पहाड़ी इलाके और खुली सीमाएं इन समूहों को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती हैं।

यह घटना दर्शाती है कि क्षेत्र में आतंकवाद-विरोधी अभियानों का खामियाजा अक्सर निर्दोष नागरिकों को भुगतना पड़ता है। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इस हमले को ‘मानवता के खिलाफ खुला अपराध’ बताया है और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

 

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