PM मोदी: ‘विदेशी निर्भरता ही भारत का सबसे बड़ा दुश्मन’
प्रधानमंत्री ने भावनगर में 'समुद्र से समृद्धि' कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता पर दिया जोर।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का असली दुश्मन कोई बाहरी ताकत नहीं, बल्कि दूसरे देशों पर उसकी अत्यधिक निर्भरता है।
- उन्होंने ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संकल्प दोहराया और कहा कि देश को हर क्षेत्र में खुद पर निर्भर होना होगा।
- पीएम मोदी ने समुद्री क्षेत्र में ‘नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म‘ के तहत बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने का ऐलान किया।
समग्र समाचार सेवा
भावनगर (गुजरात), 20 सितंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात के भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ उन्होंने देश की प्रगति और विकास को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत का सबसे बड़ा दुश्मन कोई बाहरी ताकत नहीं, बल्कि दूसरे देशों पर उसकी बढ़ती निर्भरता है। उन्होंने इस दुश्मन को मिलकर हराने का आह्वान किया, और कहा कि आत्मनिर्भरता ही देश को सच्ची समृद्धि और सफलता दिला सकती है।
मोदी ने कहा, “भारत आज ‘विश्वबंधु‘ की भावना से आगे बढ़ रहा है। दुनिया में हमारा कोई बड़ा दुश्मन नहीं है। लेकिन, सच्चे अर्थ में अगर हमारा कोई दुश्मन है तो वो है दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता। यही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है और हमें मिलकर इस दुश्मन को हराना होगा।” उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विदेशी निर्भरता जितनी ज्यादा होगी, देश की विफलता उतनी ही बड़ी होगी। पीएम ने जोर दिया कि 1.4 अरब से अधिक लोगों वाले देश को शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए आत्मनिर्भर बनना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब देश हर क्षेत्र में खुद पर निर्भर हो। उन्होंने ‘Chip हो या Ship, हमें भारत में ही बनाने होंगे’ का नारा दिया, जो देश को प्रौद्योगिकी, विनिर्माण और समुद्री क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार समुद्री अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है, जिसके तहत बड़े जहाजों को अब इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया गया है। उनका मानना है कि इस ऐतिहासिक फैसले से समुद्री क्षेत्र में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने भारत की क्षमताओं को अनदेखा किया और देश को लंबे समय तक ‘लाइसेंस-कोटा राज’ में उलझाए रखा। इस कारण भारत वैश्विक बाजार से दूर रहा और आयात पर निर्भरता बढ़ती गई। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने देश के युवाओं को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री का यह संदेश साफ है: अगर भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनना है, तो आत्मनिर्भरता ही एकमात्र विकल्प है। उनका मानना है कि भारत का भविष्य किसी और की दया पर नहीं, बल्कि हमारे अपने संकल्पों, नवाचारों और कड़ी मेहनत पर निर्भर करता है।
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