बिहार के बेरोजगार ग्रेजुएट्स को ₹1000 मासिक सहायता: नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का दायरा बढ़ा, लाखों युवाओं को मिलेगा लाभ।
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगार स्नातक युवाओं को ₹1000 प्रति माह की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है।
- यह सहायता ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ के तहत दी जाएगी, जिसका लाभ अब तक केवल इंटरमीडिएट पास युवाओं को मिलता था।
- इस योजना का उद्देश्य 20 से 25 वर्ष की आयु वर्ग के उन युवाओं को आर्थिक सहायता देना है जो नौकरी की तलाश में हैं।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 19 सितंबर, 2025: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बेरोजगार युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना का दायरा बढ़ाते हुए अब बेरोजगार स्नातकों को भी इस योजना में शामिल कर लिया है। इस फैसले के बाद, अब 20 से 25 वर्ष के ऐसे स्नातक पास युवक-युवतियों को भी हर महीने ₹1000 की वित्तीय सहायता मिलेगी, जो कहीं भी पढ़ाई नहीं कर रहे हैं और नौकरी की तलाश में हैं। यह भत्ता अधिकतम दो वर्षों के लिए दिया जाएगा। इस घोषणा को आगामी बिहार विधानसभा चुनावों से पहले एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह कदम युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आर्थिक मदद देने के उद्देश्य से उठाया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना उनकी सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है।
इस योजना के तहत लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं। आवेदक बिहार का नागरिक होना चाहिए, उसकी उम्र 20 से 25 साल के बीच होनी चाहिए, और उसके पास स्नातक की डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा, आवेदक को किसी भी सरकारी या निजी नौकरी में कार्यरत नहीं होना चाहिए और न ही कोई स्वरोजगार करना चाहिए। यदि किसी युवा को इस अवधि के दौरान नौकरी मिल जाती है, तो उसे भत्ता मिलना बंद हो जाएगा। सरकार का मानना है कि यह सहायता राशि युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करेगी।
इस योजना का विस्तार कला, विज्ञान और वाणिज्य में स्नातक पास बेरोजगार युवाओं तक किया गया है। पहले, इसका लाभ केवल उन युवाओं को मिलता था जिन्होंने 12वीं की परीक्षा पास की थी। इस विस्तार से बिहार के हजारों स्नातक पास युवाओं को राहत मिलने की उम्मीद है। इस योजना को राज्य सरकार के ‘सात निश्चय कार्यक्रम’ का एक हिस्सा माना जाता है, जिसका मकसद युवाओं को शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। सरकार का यह कदम राज्य के शिक्षित युवाओं को आत्मनिर्भर, कुशल और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस निर्णय को राजनीतिक विश्लेषक युवाओं को लुभाने की एक रणनीति के रूप में भी देख रहे हैं, जो आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मतदाता वर्ग हैं।
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