डूसू चुनाव 2025: ABVP ने मारी बाजी, NSUI को एक सीट
अध्यक्ष समेत तीन पदों पर एबीवीपी का कब्जा, छात्र राजनीति में भगवा परचम बरकरार।
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में 4 में से 3 सीटों पर शानदार जीत हासिल की।
- एबीवीपी के आर्यन मान अध्यक्ष चुने गए, जबकि एनएसयूआई (NSUI) के राहुल झांसला ने उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की।
- चुनाव में 39.36% मतदान हुआ, जिसमें कुल 1,53,100 पंजीकृत मतदाताओं में से 60,272 छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 सितंबर, 2025: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिसमें एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़ी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अपना दबदबा साबित किया है। एबीवीपी ने अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव सहित तीन महत्वपूर्ण पदों पर जीत दर्ज की है। वहीं, कांग्रेस समर्थित भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) को सिर्फ उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा है।
इस साल का डूसू चुनाव बेहद रोमांचक रहा, जिसमें कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे। मुख्य मुकाबला हमेशा की तरह एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच ही था। चुनाव परिणाम के अनुसार, अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार आर्यन मान ने बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एनएसयूआई की जोसलिन नंदिता चौधरी को लगभग 16,196 वोटों के बड़े अंतर से हराया। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के राहुल झांसला ने जीत दर्ज कर अपनी पार्टी की लाज बचाई। झांसला ने एबीवीपी के गोविंद तंवर को मात दी, जो इस पद पर जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे।
सचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर भी एबीवीपी का ही कब्जा रहा। सचिव पद पर कुणाल चौधरी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की, जबकि दीपिका झा संयुक्त सचिव पद पर विजयी रहीं। इन नतीजों के बाद, एबीवीपी कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है और उन्होंने कैंपस में ‘विक्ट्री साइन’ दिखाते हुए अपनी जीत का जश्न मनाया। इस जीत को भाजपा और उसके छात्र संगठन के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि यह दिल्ली में पार्टी की पकड़ और युवा मतदाताओं के बीच उसकी लोकप्रियता को दर्शाती है।
डूसू चुनाव में इस बार मतदान का प्रतिशत 39.36% रहा, जो पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले अच्छा माना जा रहा है। कुल 1,53,100 पंजीकृत मतदाताओं में से 60,272 छात्रों ने वोट डाला। यह दर्शाता है कि छात्रों में अपने भविष्य के नेतृत्व को चुनने के लिए काफी उत्साह था। इस चुनाव में कई मुद्दों ने अपनी भूमिका निभाई, जिनमें छात्रवृत्ति, मेट्रो पास पर छूट, कैंपस सुरक्षा, और छात्रों के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल थे।
इस चुनाव परिणाम ने छात्र राजनीति में एक बार फिर एबीवीपी की मजबूत स्थिति को साबित किया है। यह जीत न केवल संगठन के लिए एक उपलब्धि है, बल्कि यह भविष्य की राजनीति के लिए भी एक संकेत देती है कि युवा मतदाता किन मुद्दों और विचारधाराओं को पसंद कर रहे हैं। एबीवीपी ने अपनी जीत के बाद छात्रों से किए गए वादों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई है।
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