छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव होंगे विकासशील
पांच वरिष्ठ IAS अफसरों को सुपरसीड कर बनेंगे मुख्य सचिव, पहली बार कोई अधिकारी इतनी बड़ी वरीयता सूची को पार करेगा।
- 1994 बैच के आईएएस अधिकारी विकास शील छत्तीसगढ़ के नए मुख्य सचिव होंगे।
- उन्हें पांच वरिष्ठ अधिकारियों को सुपरसीड कर इस पद के लिए चुना गया है, जो एक दुर्लभ घटना है।
- वे मनीला स्थित एशियन विकास बैंक में अपनी नौकरी छोड़कर राज्य सरकार के आग्रह पर लौट रहे हैं, जहां उन्हें पांच गुना अधिक वेतन मिलता था।
समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 17 सितंबर, 2025: छत्तीसगढ़ में नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चल रहा संशय अब खत्म हो गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के 1994 बैच के अधिकारी विकास शील राज्य के नए मुख्य सचिव बनेंगे। यह नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि वह राज्य के पांच वरिष्ठ आईएएस अफसरों को सुपरसीड कर इस महत्वपूर्ण पद पर आ रहे हैं। इस पद पर उनका कार्यकाल जून 2029 में उनकी सेवानिवृत्ति तक, यानी पूरे चार साल का होगा।
विकास शील की नियुक्ति का आदेश जल्द ही जारी किया जा सकता है, क्योंकि वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन की सेवावृद्धि 30 सितंबर को समाप्त हो रही है। विकास शील की पत्नी निधि छिब्बर भी आईएएस अधिकारी हैं जो इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं।
वरिष्ठता क्रम को पार कर चौथी बार बने मुख्य सचिव
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद यह केवल चौथी बार है जब वरिष्ठता को दरकिनार कर किसी अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जा रहा है। इससे पहले तीन बार ऐसा हो चुका है। साल 2007 में शिवराज सिंह ने 3 वरिष्ठ अफसरों को सुपरसीड किया था। इसके बाद 2011 में सुनील कुमार को नारायण सिंह को सुपरसीड कर मुख्य सचिव बनाया गया था। तीसरी बार आर.पी. मंडल ने बी.वी.आर. सुब्रमण्यम और सी.के. खेतान जैसे अधिकारियों को सुपरसीड कर यह पद संभाला था।
विकास शील का नाम छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसरों की वरिष्ठता सूची में 1991 बैच की रेणु जी. पिल्ले, 1992 बैच के सुब्रत साहू, 1993 बैच के अमित अग्रवाल और 1994 बैच की ऋचा शर्मा व निधि छिब्बर के बाद आता है। उनका चयन उनकी कार्यकुशलता और प्रशासनिक अनुभव के आधार पर किया गया है।
बड़ी आर्थिक कुर्बानी दे रहे हैं विकास शील
विकास शील की इस नियुक्ति का एक और पहलू है जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। बताया गया है कि वह राज्य सरकार के विशेष आग्रह पर फिलीपींस की राजधानी मनीला स्थित एशियन विकास बैंक (ADB) में अपनी कार्यकारी निदेशक की नौकरी छोड़कर छत्तीसगढ़ लौट रहे हैं। मनीला में उन्हें मुख्य सचिव की तुलना में पांच गुना अधिक वेतन मिलता था।
जानकारों के अनुसार, एडीबी में एक कार्यकारी निदेशक को सालाना लगभग 1.5 करोड़ रुपये का वेतन मिलता है, जबकि राज्य के मुख्य सचिव को सालाना करीब 27 लाख रुपये वेतन मिलेगा। इस तरह विकास शील को सालाना 1.25 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। यह कदम राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सेवाभाव को दर्शाता है।
विकासशील का प्रशासनिक अनुभव
उत्तर प्रदेश के मूल निवासी विकास शील ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीई और एमई की डिग्री हासिल की है। छत्तीसगढ़ में वे रायपुर, बिलासपुर और कोरिया जैसे जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं। इसके अलावा, वे स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य और सामान्य प्रशासन विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में भी सचिव रह चुके हैं। 2018 से वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे और जनवरी 2024 से एडीबी में कार्यकारी निदेशक का पद संभाल रहे थे। उनका यह व्यापक अनुभव छत्तीसगढ़ के विकास कार्यों को नई गति देने में मददगार साबित होगा।
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