ग्वालियर के विकास कार्यों की समीक्षा, सिंधिया ने तय की समयसीमा
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लंबित परियोजनाओं को गति देने के लिए कड़े निर्देश दिए, कहा- गुणवत्ता और समय सीमा पर कोई समझौता नहीं होगा।
- केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्वालियर में 11 प्रमुख विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की।
- बैठक में ग्वालियर एलीवेटेड रोड, रेलवे स्टेशन और वाटर सप्लाई जैसी बड़ी योजनाओं के लिए समयसीमा तय की गई।
- सिंधिया ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
समग्र समाचार सेवा
ग्वालियर, 15 सितंबर, 2025: केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज ग्वालियर कलेक्ट्रेट में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिले और संभाग में चल रही 11 प्रमुख विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। सिंधिया ने अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कार्य तय समयसीमा में और सर्वोत्तम गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उन लंबित परियोजनाओं को गति देना था जो लंबे समय से अटकी हुई थीं, जिससे आम नागरिकों को काफी परेशानी हो रही थी। सिंधिया ने जनसुविधाओं को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक परियोजना के लिए एक स्पष्ट समयसीमा निर्धारित की। उन्होंने कहा कि ग्वालियर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र है और इसे एक आदर्श जिले के रूप में स्थापित करने के लिए आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करना आवश्यक है।

प्रमुख परियोजनाओं की समय सीमा निर्धारित
बैठक में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति पर विस्तार से चर्चा हुई और उनके लिए समयसीमा तय की गई:
ग्वालियर एलीवेटेड रोड: 1373.13 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के दोनों चरणों को क्रमशः 1 अक्टूबर 2027 और 19 नवंबर 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। यह सड़क शहर की ट्रैफिक समस्या को हल करने में मददगार होगी।
ग्वालियर रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण: 534.70 करोड़ रुपये का यह आधुनिक नवीनीकरण कार्य अप्रैल 2026 तक पूरा किया जाएगा।
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेस-वे: 4613 करोड़ की लागत वाले इस एक्सप्रेस-वे के भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो चुका है, जो औद्योगिक विकास को गति देगा।
जल वितरण योजनाएं: सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल रॉ वाटर सप्लाई सिस्टम (2055 तक शहर की जरूरतों को पूरा करने वाला) और 1900 करोड़ की ग्वालियर वाटर डिस्ट्रीब्यूशन योजना की समीक्षा की, दोनों को मार्च 2027 तक पूरा करने का निर्देश दिया।
मल्टीलेवल कार पार्किंग: 82 करोड़ की लागत से बनने वाली यह पार्किंग मार्च 2026 तक पूरी होगी। इससे महाराज बाड़ा क्षेत्र में ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।
अंबेडकर धाम: 30 करोड़ की लागत से डबरा स्थित जोरासी में बन रहे अंबेडकर धाम में बाबा साहेब की प्रतिमा की ऊंचाई 12 फीट से बढ़ाकर 20 फीट करने का निर्णय लिया गया। इसे दिसंबर 2026 से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शहर के प्रवेश द्वार: 8.77 करोड़ की लागत से बन रहे चार प्रवेश द्वारों में से तीन तानसेन, जयविलास और सहस्त्रबाहु द्वार का काम पूरा हो चुका है। भिंड रोड स्थित ग्वालियर किला द्वार का काम 31 अक्टूबर 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया।

कानून-व्यवस्था और पारदर्शिता पर जोर
सिंधिया ने बैठक में कानून-व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए और सड़कों की खराब हालत पर अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने स्वयं 255 जल-अवरोधन बिंदुओं (water blockage points) की पहचान की और उन्हें मरम्मत के लिए प्राथमिकता के अनुसार वर्गीकृत किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विकास कार्य सिर्फ कागजों पर न होकर जनता के जीवन में बदलाव लाएं। उन्होंने पारदर्शिता और जनभागीदारी को कार्यशैली का मूल मंत्र बनाने पर बल दिया।
बैठक के अंत में, सिंधिया ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों जैसे नितिन गडकरी, अश्विनी वैष्णव, मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उनकी परियोजनाओं में सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से ग्वालियर जल्द ही एक आधुनिक और समृद्ध शहर के रूप में उभरेगा।
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