सुषमा स्वराज की बेटी ने रोहतास में विरोधियों को दिया जवाब
बांसुरी स्वराज ने रोहतास में जनता के अपार स्नेह को बताया अपनी मां की सबसे बड़ी विरासत, कहा- यह लोगों का प्यार ही है जो विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देता है।
- सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज रोहतास जिले के सासाराम पहुंची, जहां उनका भव्य स्वागत हुआ।
- उन्होंने अपनी मां की विरासत को याद करते हुए कहा कि जनता का प्यार ही किसी नेता की सबसे बड़ी कमाई है।
- बांसुरी स्वराज ने कहा कि इस तरह का स्नेह उन लोगों के लिए एक सबक है जो सोचते हैं कि विरासत केवल पद से मिलती है।
समग्र समाचार सेवा
सासाराम, बिहार, 13 सितंबर, 2025: दिवंगत पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने हाल ही में बिहार के रोहतास जिले का दौरा किया, जहां उन्हें जनता और स्थानीय कार्यकर्ताओं का अभूतपूर्व प्यार और सम्मान मिला। यह दौरा भले ही व्यक्तिगत था, लेकिन इसकी गूंज राजनीतिक गलियारों में दूर तक सुनाई दी। सासाराम पहुंचने पर उनका जिस तरह भव्य स्वागत किया गया, वह इस बात का प्रमाण था कि सुषमा स्वराज की विरासत आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।
बांसुरी स्वराज ने अपनी यात्रा के दौरान कई लोगों से मुलाकात की और अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने इस आत्मीय स्वागत पर भावुक होकर कहा, “यह सिर्फ मेरा स्वागत नहीं है, बल्कि मेरी मां के प्रति आप लोगों के प्यार और सम्मान का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि एक नेता की सबसे बड़ी पूंजी जनता का अटूट विश्वास और स्नेह होता है, और यह देखकर उन्हें बहुत खुशी होती है कि उनकी मां ने यह पूंजी बड़ी मात्रा में कमाई थी।
जनता का प्यार ही सबसे बड़ी विरासत
इस दौरान बांसुरी स्वराज ने उन लोगों पर निशाना साधा जो राजनीतिक विरासत को केवल पद और शक्ति के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, “कुछ लोग सोचते हैं कि राजनीति में विरासत केवल पद से मिलती है, लेकिन आज रोहतास की जनता ने दिखा दिया कि नेता की असली विरासत जनता का प्यार और सम्मान है। और यही सबसे बड़ा जवाब है उन लोगों के लिए जो हमें हल्के में लेते हैं।” उनके इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों ने उनके विरोधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश के रूप में देखा।
बांसुरी स्वराज ने इस बात पर जोर दिया कि वह राजनीति में अपनी मां की तरह ही जनसेवा के माध्यम से अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि नेता का काम जनता के बीच रहकर उनकी समस्याओं को समझना और उन्हें हल करना होता है।” उन्होंने सासाराम और उसके आसपास के क्षेत्रों के विकास से संबंधित मुद्दों पर भी स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया कि वह जनहित के कार्यों में हमेशा उनका समर्थन करेंगी।
युवाओं के लिए प्रेरणा
बांसुरी स्वराज का यह दौरा खासकर युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा। उनकी सादगी, स्पष्टवादिता और अपनी मां की विरासत के प्रति सम्मान ने लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने अपने संबोधन में युवाओं से आग्रह किया कि वे राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आगे आएं। उनके अनुसार, देश का भविष्य युवा पीढ़ी के हाथों में है, और उनका सक्रिय योगदान ही भारत को एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बना सकता है।
बांसुरी स्वराज का यह बिहार दौरा भले ही छोटा रहा, लेकिन इसने कई महत्वपूर्ण संदेश दिए। यह न केवल उनके बढ़ते राजनीतिक कद को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जनता का प्यार और विश्वास किसी भी पद या शक्ति से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
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