- पटना मेट्रो ने सोमवार शाम लो विजिबिलिटी की स्थिति में सफल ट्रायल रन किया।
- ट्रायल में ब्रेकिंग, सिग्नलिंग और सेंसर सिस्टम की दक्षता का परीक्षण किया गया।
- यह ट्रायल भविष्य में कोहरे और खराब मौसम के लिए मेट्रो को तैयार करेगा।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 10 सितंबर 2025 – बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में सोमवार की शाम पटना मेट्रो के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हुई, जब लो विजिबिलिटी यानी कम दृश्यता की स्थिति में एक विशेष ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा किया गया। शाम करीब 7:30 बजे, जब प्राकृतिक रोशनी कम थी और धुंध जैसी परिस्थितियां थीं, तब इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम ने मिलकर मेट्रो ट्रेन के संचालन से जुड़ी हर बारीकी की गहन जांच की। यह ट्रायल सिर्फ एक अभ्यास नहीं था, बल्कि यह साबित करने का एक महत्वपूर्ण कदम था कि पटना मेट्रो हर मौसम और हर परिस्थिति में यात्रियों को निर्बाध और सुरक्षित सेवा देने के लिए तैयार है।
तकनीकी जांच और सुरक्षा मानकों का परीक्षण
यह ट्रायल रन मुख्यतः मेट्रो ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम, सिग्नलिंग व्यवस्था, हेडलाइट की क्षमता और पटरियों पर लगे सेंसर की प्रभावशीलता को परखने के लिए किया गया था। विशेषज्ञों की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि कम रोशनी और धुंध में भी मेट्रो का ब्रेक सही समय पर काम करे और सिग्नलिंग व्यवस्था में कोई बाधा न आए। दोपहर में भी दो बार मेट्रो ट्रेन की स्पीड बढ़ाकर ट्रायल किया गया, ताकि यह देखा जा सके कि अलग-अलग गति पर ट्रेन का प्रदर्शन कैसा रहता है। यह सभी परीक्षण आईएसबीटी से मलाही पकड़ी कॉरिडोर के एक हिस्से में किए गए, जो परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक है।
पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRC) के अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रायल के दौरान, लो विजिबिलिटी के बावजूद, ड्राइवर को कंट्रोल सेंटर से लगातार और सही समय पर गाइडेंस मिलती रही। यह दर्शाता है कि मेट्रो का कम्युनिकेशन सिस्टम पूरी तरह से मजबूत है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इमरजेंसी लाइटिंग और पब्लिक एड्रेस सिस्टम की भी जांच की गई, ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को सही जानकारी दी जा सके और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
पटना के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
पटना मेट्रो परियोजना का यह सफल ट्रायल बिहार की राजधानी के बुनियादी ढांचे के विकास में एक मील का पत्थर है। PMRC के अधिकारियों का कहना है कि यह ट्रायल मेट्रो सुरक्षा मानकों के अनुरूप एक महत्वपूर्ण अभ्यास था, और इसका सफल होना यह साबित करता है कि भविष्य में मौसम चाहे जैसा भी हो, पटना के लोग एक निर्बाध और सुरक्षित मेट्रो सेवा का लाभ उठा सकेंगे। पटना में अक्सर सर्दियों में घना कोहरा पड़ता है, और मानसून में भारी बारिश होती है, ऐसे में यह ट्रायल विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।
आने वाले दिनों में इसी तरह के और भी ट्रायल किए जाएंगे, ताकि मेट्रो के औपचारिक उद्घाटन से पहले किसी भी तकनीकी कमी को दूर किया जा सके। इस सफल ट्रायल के बाद, न केवल परियोजना के समय पर पूरा होने की उम्मीद मजबूत हुई है, बल्कि यह भी स्पष्ट हो गया है कि यह परियोजना पटना के परिवहन तंत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। यह मेट्रो सेवा शहर में बढ़ते यातायात को कम करने, वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह पटना को एक आधुनिक और विकसित शहर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।