बिहार को मिला ₹4447 करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट की सौगात

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  • ₹4447 करोड़ की लागत से मोकामा-मुंगेर राजमार्ग को मंजूरी।
  • परियोजना से यात्रा का समय 1.5 घंटे तक कम होगा, जिससे गति और सुरक्षा बढ़ेगी।
  • पूर्वी बिहार में आर्थिक और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025 – बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केंद्र सरकार ने मोकामा-मुंगेर खंड पर एक महत्वाकांक्षी राजमार्ग परियोजना को मंजूरी दे दी है। ₹4,447.38 करोड़ की अनुमानित लागत वाली यह परियोजना पूर्वी बिहार के आर्थिक विकास को एक नई दिशा देगी और क्षेत्र के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह फोर-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर का हिस्सा होगा, जो न केवल यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।

क्यों है यह परियोजना इतनी महत्वपूर्ण?

मोकामा-मुंगेर खंड को चार लेन का ग्रीनफील्ड एक्सेस-नियंत्रित कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य मोकामा, बरहिया, लखीसराय, जमालपुर और मुंगेर जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भागलपुर से जोड़ना है। वर्तमान में, इन क्षेत्रों के बीच यात्रा करना काफी समय लेने वाला और थकाऊ होता है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद, वाहनों की औसत गति 80 किमी प्रति घंटा तक बढ़ जाएगी, जिससे यात्रा का समय लगभग 1.5 घंटे कम हो जाएगा। यह तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी न केवल यात्रियों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि माल ढुलाई को भी सुगम बनाएगी, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।

औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन

यह परियोजना पूर्वी बिहार में चल रहे औद्योगिक विकास के प्रयासों को भी बल देगी। मुंगेर-जमालपुर क्षेत्र धीरे-धीरे एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है, और बेहतर सड़क संपर्क से नए उद्योगों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इस परियोजना के निर्माण चरण के दौरान बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। अनुमान है कि इससे 14.83 लाख मानव-दिन का प्रत्यक्ष और 18.46 लाख मानव-दिन का अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस तरह यह परियोजना सिर्फ एक सड़क निर्माण से कहीं बढ़कर है; यह एक ऐसा कदम है जो पूरे क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बदल सकता है।

सरकार की दूरदर्शिता और भविष्य की योजनाएं

यह परियोजना हाइब्रिड एन्युटी मोड (HAM) पर बनाई जा रही है, जो सरकारी और निजी क्षेत्र की भागीदारी का एक प्रभावी मॉडल है। यह मॉडल परियोजना के समय पर और गुणवत्तापूर्ण निष्पादन को सुनिश्चित करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस परियोजना को मंजूरी दी, जो सरकार की देश भर में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह नया कॉरिडोर न केवल बिहार के भीतर कनेक्टिविटी को सुधारेगा, बल्कि यह उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ भी बेहतर संपर्क स्थापित करने में सहायक होगा।

इस परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र के किसानों, व्यापारियों और दैनिक यात्रियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। कृषि उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाना आसान होगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी।

यह परियोजना साबित करती है कि बुनियादी ढांचे का विकास कैसे एक क्षेत्र के भविष्य को बदल सकता है। मोकामा-मुंगेर हाईवे न सिर्फ दो शहरों को जोड़ेगा, बल्कि विकास, प्रगति और समृद्धि के एक नए युग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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