- टैरिफ का समर्थन: यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को सही ठहराया।
- रूस से व्यापार पर आपत्ति: ज़ेलेंस्की ने उन देशों पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की जो रूस के साथ व्यापार करते हैं।
- संबंधों में तनाव की आशंका: ज़ेलेंस्की के इस बयान से भारत और यूक्रेन के बीच संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025: यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक बड़ा बयान देते हुए भारत पर अमेरिकी टैरिफ लगाने के फैसले का खुलकर समर्थन किया है। ज़ेलेंस्की का मानना है कि रूस से व्यापार करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाना सही कदम है, क्योंकि इससे रूस की आर्थिक ताकत बढ़ती है, जिसका उपयोग वह युद्ध में कर सकता है। उनके इस बयान से अमेरिका, भारत और यूक्रेन के संबंधों में एक नई जटिलता आ सकती है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक प्रमुख अमेरिकी न्यूज़ चैनल, एबीसी न्यूज़ को दिए गए इंटरव्यू में भारत से जुड़े एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय रखी। उनसे पूछा गया था कि क्या भारत, चीन और रूस के नेता एक साथ आने से अमेरिकी टैरिफ का फैसला उलटा पड़ गया है, जिस पर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह इस फैसले को सही मानते हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि रूस के साथ कारोबार करने वालों पर प्रतिबंध लगाना बेहद ज़रूरी है।
ज़ेलेंस्की के इस बयान को भारत की विदेश नीति के संदर्भ में एक संवेदनशील मुद्दा माना जा रहा है। भारत ने यूक्रेन संकट पर हमेशा एक संतुलित रुख बनाए रखा है। भारत ने युद्ध का विरोध किया है, लेकिन रूस के साथ अपने ऐतिहासिक और आर्थिक संबंधों को भी बनाए रखा है। भारत ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखा है, जिसे भारत अपने ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक मानता है।
जानकारों का मानना है कि ज़ेलेंस्की का यह बयान सीधे तौर पर भारत की इस नीति पर एक हमला है। यूक्रेन चाहता है कि सभी देश रूस पर पूर्ण आर्थिक प्रतिबंध लगाएं ताकि रूस को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके। भारत जैसे देश, जो अपनी ऊर्जा और रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर हैं, इस तरह के प्रतिबंधों का विरोध करते हैं। ज़ेलेंस्की का बयान ऐसे समय में आया है जब भारत जी-20 जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका बढ़ा रहा है, और यह निश्चित रूप से भारत की कूटनीतिक स्थिति के लिए एक चुनौती पेश करता है।
ज़ेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा उठाए गए कदमों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रम्प जानते हैं कि व्लादिमीर पुतिन को कैसे रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पुतिन दुनिया के कई देशों को तेल और गैस बेचकर अपनी ताकत बढ़ा रहे हैं, और इस पर रोक लगाना ज़रूरी है। यह बयान भारत जैसे देशों के लिए एक और संदेश है, जो रूस से ऊर्जा आयात कर रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है। ज़ेलेंस्की का यह बयान दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा कर सकता है, खासकर तब जब भारत यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान कर रहा है।