15 सितंबर से बदल जाएंगे UPI लेनदेन के नियम

PhonePe, Google Pay और Paytm यूज़र्स के लिए बड़ी खबर

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समग्र समाचार सेवा 
नई दिल्ली 8 सितंबर -भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका UPI अब और ज्यादा सशक्त होने जा रहा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने घोषणा की है कि 15 सितंबर 2025 से UPI लेनदेन की सीमाओं में बड़ा बदलाव लागू होगा। यह बदलाव खासकर Person-to-Merchant (P2M) यानी दुकानदारों, कंपनियों, संस्थाओं और सेवाओं को किए जाने वाले भुगतानों पर लागू होंगे।

इस कदम का उद्देश्य है कि आम लोग बड़ी रकम से जुड़े पेमेंट्स जैसे—लोन की ईएमआई, इंश्योरेंस प्रीमियम, कैपिटल मार्केट इन्वेस्टमेंट, टैक्स पेमेंट और ट्रैवल बुकिंग—भी सीधे UPI से कर सकें। आइए विस्तार से समझते हैं कि 15 सितंबर से क्या नया होने जा रहा है।

क्या बदलेगा? नई सीमाएँ  और श्रेणियां

अब तक UPI के ज़रिए अधिकांश बड़े भुगतान करने में दिक्कत आती थी क्योंकि लिमिट ₹1–2 लाख तक ही थी। लेकिन अब NPCI ने इन सीमाओं को बढ़ाकर कई गुना ज्यादा कर दिया है। नई व्यवस्था इस प्रकार होगी:

कैपिटल मार्केट निवेश और इंश्योरेंस प्रीमियम: पहले ₹2 लाख तक की सीमा थी, अब इसे बढ़ाकर ₹5 लाख प्रति ट्रांजेक्शन कर दिया गया है। साथ ही 24 घंटे की कुल सीमा ₹10 लाख होगी।

सरकारी टैक्स और ई-मार्केटप्लेस पेमेंट्स: ₹1 लाख से बढ़ाकर अब ₹5 लाख प्रति ट्रांजेक्शन की अनुमति होगी।

ट्रैवल बुकिंग और लोन/EMI पेमेंट्स: इनकी सीमा भी अब ₹5 लाख प्रति ट्रांजेक्शन कर दी गई है।

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट: अब एक ट्रांजेक्शन में ₹5 लाख तक भुगतान संभव होगा, जबकि 24 घंटे की कुल सीमा ₹6 लाख तय की गई है।

ज्वेलरी खरीदारी: लिमिट ₹1 लाख से बढ़कर ₹2 लाख हो गई है।

बैंकिंग सेवाएं और टर्म डिपॉजिट डिजिटल भुगतान: सीमा अब ₹5 लाख होगी।

विदेशी मुद्रा (FX) और BBPS भुगतान: दैनिक सीमा ₹5 लाख तय की गई है।

इन सभी बदलावों से यह स्पष्ट है कि अब UPI सिर्फ छोटे-मोटे ट्रांजेक्शन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि बड़े वित्तीय लेन-देन भी इससे संभव होंगे।

P2P लेनदेन में कोई बदलाव नहीं

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि P2P (Person-to-Person) ट्रांजेक्शन यानी जब कोई व्यक्ति अपने दोस्त, रिश्तेदार या परिवार के सदस्य को पैसे भेजता है, उसमें पहले की तरह ही ₹1 लाख प्रति दिन की सीमा बनी रहेगी। NPCI ने इस हिस्से में कोई बदलाव नहीं किया है।

इन बदलावों का फायदा किसे होगा?

ग्राहकों को सुविधा – पहले बड़ी रकम के लिए लोगों को नेटबैंकिंग, RTGS या NEFT का सहारा लेना पड़ता था। अब UPI से सीधे बड़ी रकम ट्रांसफर हो सकेगी।

व्यवसायियों और कंपनियों को लाभ – इंश्योरेंस कंपनियां, म्यूचुअल फंड, ट्रैवल एजेंसियां और ज्वेलर्स को पेमेंट लेना आसान हो जाएगा।

डिजिटल इंडिया को बढ़ावा – NPCI के इस कदम से भारत में नकद रहित अर्थव्यवस्था की ओर और तेजी से कदम बढ़ेंगे।

ग्राहक अनुभव बेहतर होगा – अब एक ही बार में पूरा पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी, जिससे बार-बार लेनदेन की झंझट खत्म होगी।

ऐप्स पर लागू होंगे नए नियम

NPCI ने यह भी साफ कर दिया है कि सभी पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSP) जैसे—PhonePe, Google Pay, Paytm और Amazon Pay को इन बदलावों को 15 सितंबर 2025 तक लागू करना अनिवार्य है। यानी इस तारीख के बाद जब आप इन ऐप्स का इस्तेमाल करेंगे तो आपको नई लिमिट्स का विकल्प मिलेगा।

निष्कर्ष

UPI ने भारत की डिजिटल पेमेंट व्यवस्था में क्रांति ला दी है। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारी तक, हर जगह UPI का उपयोग हो रहा है। अब NPCI का यह निर्णय इस क्रांति को एक नई ऊंचाई देने वाला है।

15 सितंबर से लागू नई ट्रांजेक्शन लिमिट्स न केवल ग्राहकों को बड़ी रकम का भुगतान सरल बनाएंगी बल्कि व्यवसायियों और संस्थाओं को भी आसानी से रकम प्राप्त करने का अवसर देंगी।

संक्षेप में कहा जाए तो यह बदलाव डिजिटल इंडिया मिशन को और मजबूती देगा और भारत को कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से ले जाएगा।

तो अब अगर आप PhonePe, Google Pay या Paytm से बड़े भुगतान करने की सोच रहे हैं, तो 15 सितंबर के बाद आपके लिए यह और भी आसान हो जाएगा।

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