- द्विपक्षीय बैठक: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में जापान के राज्य मंत्री मासाशी अदाची से मुलाकात की।
- डिजिटल सहयोग पर फोकस: बैठक का मुख्य केंद्रबिंदु डाक सेवाओं में डिजिटल नवाचार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना था।
- भविष्य की रणनीति: दोनों देशों ने ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने पर सहमति जताई।
समग्र समाचार सेवा
दुबई, 8 सितंबर 2025: वैश्विक डाक क्षेत्र में भारत और जापान के बीच सहयोग को नई दिशा देने के उद्देश्य से, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दुबई में जापान के आंतरिक मामलों और संचार राज्य मंत्री मासाशी अदाची से मुलाकात की। यह बैठक 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (UPC) के दौरान हुई, जहाँ दोनों नेताओं ने भारत और जापान के डाक विभागों के बीच भविष्य में सहयोग को मजबूत करने पर गहन चर्चा की।
यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (UPC) डाक क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सम्मेलन है, जो हर चार साल में एक बार आयोजित होता है। इस वर्ष दुबई में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में 192 सदस्य देशों के प्रतिनिधि वैश्विक डाक नेटवर्क के भविष्य को आकार देने के लिए जुट रहे हैं। ऐसे महत्वपूर्ण मंच पर भारत और जापान के बीच हुई यह द्विपक्षीय बैठक वैश्विक डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
बैठक के दौरान, मंत्री सिंधिया ने भारत में डाक क्षेत्र के हो रहे परिवर्तन और डिजिटल क्रांति पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस तरह इंडिया पोस्ट केवल एक डाक सेवा प्रदाता नहीं, बल्कि एक व्यापक लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवा नेटवर्क के रूप रूप में उभर रहा है। भारत के विशाल डाक नेटवर्क और जापान की उन्नत तकनीक के संयोजन से दोनों देशों को आपसी सहयोग से लाभ हो सकता है।
जापान के मंत्री मासाशी अदाची ने भारत की डिजिटल पहल की सराहना की, विशेष रूप से यूपीआई (UPI) जैसी भुगतान प्रणालियों की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत पोस्ट और जापान पोस्ट के बीच सहयोग से केवल पत्रों और पार्सलों का आदान-प्रदान ही नहीं, बल्कि ई-कॉमर्स, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स और लॉजिस्टिक्स में भी क्रांति लाई जा सकती है। भविष्य में, यह साझेदारी दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी।
बैठक में भारत और जापान ने डाक सेवाओं में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक रोडमैप तैयार करने पर भी सहमति व्यक्त की। इस रोडमैप में निम्नलिखित क्षेत्रों को शामिल किया जा सकता है:
डिजिटल डाक सेवाओं का विकास: दोनों देश डाक नेटवर्क को डिजिटल बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं, जिसमें ट्रैकिंग सिस्टम, ऑनलाइन सेवाएं और डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं।
ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स: भारत का तेजी से बढ़ता ई-कॉमर्स बाजार और जापान की कुशल लॉजिस्टिक्स प्रणाली एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।
क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस: सुरक्षित और किफायती सीमा पार भुगतान सेवाओं को विकसित करने के लिए तकनीकी सहयोग पर विचार किया गया, जिससे दोनों देशों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा।
तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान: जापान पोस्ट की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर भारत पोस्ट अपने परिचालन को और अधिक कुशल बना सकता है।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। दोनों देश एक ‘विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी’ साझा करते हैं। यह डाक सहयोग दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम है।