सोना 1.07 लाख के पार, क्या अब आएगी गिरावट? जानें विशेषज्ञों की राय

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  • रिकॉर्ड ऊंचाई पर सोना: पिछले हफ्ते एमसीएक्स पर सोना ₹1,07,807 प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा।
  • मुनाफावसूली की संभावना: विशेषज्ञ मुनाफावसूली के कारण कीमतों में मामूली गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं।
  • वैश्विक डेटा का असर: अमेरिकी और भारतीय मुद्रास्फीति के आंकड़े और ECB की बैठक सोने की कीमतों के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8 सितंबर 2025: पिछले हफ्ते रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद, सोने की कीमतों में अब मुनाफावसूली के कारण थोड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निकट भविष्य में सोने की कीमतों में मामूली सुधार संभव है। उनका कहना है कि सोने का अगला रुख अमेरिका और भारत से आने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़ों और यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) की नीतिगत बैठक जैसे वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगा।

बीते हफ्ते, सोने ने निवेशकों को मालामाल कर दिया। शुक्रवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का अक्टूबर अनुबंध ₹1,131 या 1.06% की तेजी के साथ ₹1,07,807 प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, हालांकि यह ₹1,07,740 पर बंद हुआ। कुल मिलाकर, पिछले हफ्ते सोने की कीमतों में प्रति 10 ग्राम ₹4,000 या 3.81% का भारी उछाल देखा गया। दिल्ली के सर्राफा बाजार में, 99.9% शुद्ध सोना ₹900 बढ़कर ₹1,06,970 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि 99.5% शुद्धता वाला सोना करों सहित ₹1,06,100 पर बंद हुआ।

जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी और करेंसी रिसर्च के उपाध्यक्ष, प्रणव मेहर ने बताया कि निवेशक इस हफ्ते अमेरिका के उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) के आंकड़ों, ईसीबी की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड के संबोधन और अमेरिका में उपभोक्ता भावना पर कड़ी नजर रखेंगे। इसके अलावा, चीन, जर्मनी और भारत से आने वाले मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार के रुझान को प्रभावित कर सकते हैं।

सोने की कीमतों का भविष्य

विशेषज्ञों का कहना है कि तकनीकी चार्ट अभी भी सोने में मजबूत खरीदारी का संकेत दे रहे हैं, लेकिन कुछ मुनाफावसूली होना स्वाभाविक है। हालांकि, उनका मानना है कि लंबी अवधि का रुझान अभी भी सकारात्मक है। मेहर ने अनुमान लगाया कि आने वाले सत्रों में सोने की कीमतें एमसीएक्स पर ₹1,10,000 से ₹1,12,000 प्रति 10 ग्राम के दायरे में जा सकती हैं। यह उन निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है जो सोने में निवेश करना चाहते हैं।

सोने की कीमतों में यह तेजी वैश्विक अनिश्चितताओं, कमजोर डॉलर और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीद में वृद्धि जैसे कारकों के कारण आई है। भू-राजनीतिक तनाव और धीमी वैश्विक आर्थिक वृद्धि की आशंकाएं भी सोने को एक सुरक्षित निवेश का दर्जा देती हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी निवेश से पहले बाजार के उतार-चढ़ाव और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखें। सोने का बाजार बेहद संवेदनशील होता है, और छोटे-बड़े आर्थिक बदलाव भी इसकी कीमतों पर बड़ा असर डाल सकते हैं।

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