केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में में होंगे शामिल

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • वैश्विक सम्मेलन में भागीदारी: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
  • रणनीति पर चर्चा: सम्मेलन में 2026-2029 की अवधि के लिए नई वैश्विक डाक रणनीति और कारोबारी योजना पर गहन चर्चा होगी।
  • द्विपक्षीय बैठकें: दौरे के दौरान सिंधिया कई देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे ताकि डाक और लॉजिस्टिक्स में सहयोग को बढ़ाया जा सके।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7 सितंबर 2025: केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री, ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया, 8 सितंबर 2025 को दुबई में आयोजित होने वाले 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (UPC) में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह सम्मेलन भारत के लिए वैश्विक डाक सेवाओं के आधुनिकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस (UPC) एक वैश्विक सम्मेलन है जो हर चार साल में आयोजित किया जाता है। यह यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। UPU संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है और 1874 में स्थापित दुनिया का दूसरा सबसे पुराना अंतर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के बर्न शहर में है। इसका मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय डाक विनिमय के लिए नियम और मानक तय करना है और 192 सदस्य देशों के बीच डाक, पार्सल और वित्तीय सेवाओं में सहयोग को बढ़ावा देना है।

दुबई में होने वाली यह कांग्रेस एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच है, जहाँ सदस्य देशों के बीच UPU की नई रणनीति और कारोबारी योजना (2026-2029) पर गहन विचार-विमर्श होगा। इस नई योजना का मुख्य केंद्र-बिंदु बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था में डाक सेवाओं का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण करना है। भारत, UPU के सबसे पुराने और सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक है। भारतीय डाक विभाग, अंतर्राष्ट्रीय डाक नियमों के मानकीकरण, सहयोग को प्रोत्साहित करने और वैश्विक डाक सेवाओं को आधुनिक बनाने के प्रयासों में लगातार सक्रिय भूमिका निभाता रहा है।

मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह दौरा केवल सम्मेलन में भाग लेने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के लिए कूटनीतिक और आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। अपने दौरे के दौरान, वे कई सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। इन बैठकों का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को और अधिक मजबूत करना और वैश्विक मंच पर भारत के डाक और लॉजिस्टिक्स हितों को आगे बढ़ाना है।

भारत जैसे विशाल और तेजी से बढ़ते देश के लिए, डाक सेवाएं केवल पत्र भेजने का साधन नहीं हैं, बल्कि यह ई-कॉमर्स और वित्तीय समावेशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। डाक सेवाओं का आधुनिकीकरण और वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बिठाना भारत के लिए आर्थिक विकास और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

इस सम्मेलन में भारत की भागीदारी यह दर्शाती है कि वह वैश्विक डाक प्रणाली को बेहतर बनाने और उसमें महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह उम्मीद की जाती है कि मंत्री सिंधिया की भागीदारी से भारत के डाक क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी और यह वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बन पाएगा।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.