चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने पर मांझी का बड़ा बयान
जीतन राम मांझी ने कहा, "चिराग पासवान गलत नहीं करेंगे, एनडीए में उनका सम्मान होगा।"
- मांझी का समर्थन: जीतन राम मांझी ने चिराग पासवान को एनडीए में शामिल करने की वकालत की।
- पारिवारिक विवाद: यह बयान चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच आया है।
- चिराग का महत्व: बिहार की राजनीति में पासवान वोट बैंक के महत्व को देखते हुए यह बयान काफी अहम है।
समग्र समाचार सेवा
पटना, 05 सितंबर, 2025: बिहार की राजनीति में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने की अटकलों के बीच, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चिराग पासवान एक बहुत ही समझदार व्यक्ति हैं और वह कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे एनडीए को नुकसान हो। मांझी ने विश्वास जताया कि चिराग पासवान जल्द ही एनडीए का हिस्सा बनेंगे और उन्हें यहां पूरा सम्मान मिलेगा।
राजनीति में नया मोड़
जीतन राम मांझी का यह बयान उस समय आया है, जब चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच पार्टी को लेकर चल रहा विवाद अभी भी सुलझा नहीं है। पारस ने कुछ समय पहले ही खुद को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) का नेता घोषित कर दिया था, जिसके बाद से दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की जंग चल रही है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू पर लगातार निशाना साधा है। इस वजह से चिराग का एनडीए में शामिल होना एक जटिल मुद्दा बन गया था। हालांकि, मांझी के इस बयान से यह साफ हो गया है कि एनडीए के कुछ घटक दल चिराग को अपने साथ लाने के पक्ष में हैं।
चिराग पासवान का राजनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बिहार की राजनीति में चिराग पासवान का महत्व काफी ज्यादा है। वे दिवंगत रामविलास पासवान के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं और दलित समुदाय, खासकर पासवान वोट बैंक पर उनकी अच्छी पकड़ है। पिछले विधानसभा चुनावों में चिराग पासवान ने भले ही खुद को एनडीए से अलग रखा, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी निष्ठा बनाए रखी थी। यही कारण है कि भाजपा चिराग पासवान को अपने साथ लाने के लिए उत्सुक है। यह कदम आगामी लोकसभा चुनावों में एनडीए को बिहार में और मजबूत कर सकता है।
पारस और चिराग का समीकरण
जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि पशुपति कुमार पारस का सम्मान एनडीए में पहले से ही है और चिराग के आने से इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि “हम” पार्टी और मांझी हमेशा से चिराग पासवान के साथ खड़े रहे हैं और आगे भी रहेंगे। मांझी ने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए के शीर्ष नेतृत्व ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस पर जल्द ही सकारात्मक फैसला लिया जाएगा। इस तरह के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि बिहार में एनडीए की एकजुटता को सुनिश्चित करने के लिए सभी घटक दलों को एक साथ लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भविष्य की रणनीति
चिराग पासवान के एनडीए में शामिल होने को लेकर चल रही बातचीत अब एक निर्णायक मोड़ पर आ गई है। जीतन राम मांझी जैसे वरिष्ठ नेता का समर्थन मिलने के बाद, चिराग का एनडीए में प्रवेश अब लगभग तय माना जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए का शीर्ष नेतृत्व इस मुद्दे को कैसे सुलझाता है और आगामी चुनावों के लिए क्या रणनीति बनाता है।