तमिलनाडु में भारत की पहली हरित हाइड्रोजन परियोजना का शुभारंभ

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  • वीओसी बंदरगाह पर भारत की पहली बंदरगाह-आधारित हरित हाइड्रोजन परियोजना का उद्घाटन।
  • यह परियोजना बंदरगाह को हरित ऊर्जा उत्पादन का केंद्र बनाएगी, जिससे स्थिरता और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
  • 2047 तक भारत को दुनिया के शीर्ष 5 जहाज निर्माण देशों में शामिल करने का लक्ष्य।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 06 सितंबर 2025: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज तमिलनाडु के वी.ओ. चिदंबरनार (वी.ओ.सी.) बंदरगाह पर भारत की पहली बंदरगाह-आधारित हरित हाइड्रोजन पायलट परियोजना का उद्घाटन किया। ₹3.87 करोड़ की लागत से बनी यह परियोजना भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल के साथ, वीओसी बंदरगाह देश का पहला ऐसा बंदरगाह बन गया है जो हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा। यह परियोजना बंदरगाह कॉलोनी में स्ट्रीट लाइटों और एक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन को बिजली देगी।

केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने ₹35.34 करोड़ की लागत से 750 घन मीटर क्षमता वाली प्रायोगिक हरित मेथनॉल बंकरिंग और ईंधन भरने की सुविधा की भी आधारशिला रखी। यह परियोजना कांडला और तूतीकोरिन के बीच प्रस्तावित तटीय हरित शिपिंग कॉरिडोर के साथ मिलकर वीओसी बंदरगाह को दक्षिण भारत में एक प्रमुख हरित बंकरिंग केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।

इस अवसर पर, कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भी शुभारंभ और शिलान्यास किया गया। इनमें 400 किलोवाट का रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल है, जिससे बंदरगाह की कुल सौर क्षमता 1.04 मेगावाट हो जाएगी, जो भारतीय बंदरगाहों में सबसे अधिक है। इसके अलावा, ₹24.5 करोड़ की लागत से कोल जेटी-1 को पोर्ट स्टैक यार्ड से जोड़ने वाले लिंक कन्वेयर का भी उद्घाटन किया गया, जिससे कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। सोनोवाल ने 6 मेगावाट के पवन ऊर्जा फार्म, ₹90 करोड़ की मल्टी-कार्गो बर्थ, और 3.37 किलोमीटर लंबी चार-लेन सड़क का भी शिलान्यास किया।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “आज शुरू की गई परियोजनाएं हजारों रोजगार के अवसर पैदा करेंगी, वैश्विक निवेश आकर्षित करेंगी और तमिलनाडु को भारत की आर्थिक आकांक्षाओं में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करेंगी।” उन्होंने विश्वास जताया कि भारत 2030 तक दुनिया के शीर्ष 10 जहाज निर्माण देशों में और 2047 तक शीर्ष 5 देशों में शामिल हो जाएगा।

सोनोवाल ने तमिलनाडु के तीन प्रमुख बंदरगाहों—चेन्नई, कामराजर और वीओसी—में ‘सागरमाला’ के तहत हुए परिवर्तनकारी विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में ₹93,715 करोड़ की 98 परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें से 50 पूरी हो चुकी हैं। केवल इन बंदरगाहों के आधुनिकीकरण और क्षमता वृद्धि के लिए ₹16,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया गया है।

मंत्री ने तूतीकोरिन में स्वतंत्रता सेनानी वी.ओ. चिदंबरनार की 154वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने कहा कि वी.ओ.सी. ने शिपिंग के माध्यम से स्वदेशी भावना को प्रज्वलित किया था और आज भारत उसी भावना को हरित ऊर्जा और नवाचार के साथ आगे बढ़ा रहा है।

कार्यक्रम में वीओसी पोर्ट और आईपीआरसीएल के बीच आउटर हार्बर परियोजना के लिए रेल संपर्क हेतु, और पोर्ट पर हरित गतिशीलता पहलों को लागू करने के लिए एनटीपीसी के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

 

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