जोधपुर में आरएसएस की समन्वय बैठक
संघ प्रेरित संगठनों की तीन दिवसीय बैठक 5 से 7 सितंबर तक जोधपुर में होगी, जिसमें कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
- 32 संगठनों की भागीदारी: बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 32 विभिन्न संगठनों के 320 से अधिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।
- मार्गदर्शन और समन्वय: परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
- भविष्य की रणनीति: बैठक में सामाजिक समरसता, शिक्षा, पर्यावरण और शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विचार-विमर्श होगा।
समग्र समाचार सेवा
जोधपुर, 05 सितंबर 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से चलने वाले विभिन्न संगठनों की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 5 से 7 सितंबर, 2025 तक जोधपुर के लालसागर में आयोजित की जा रही है। यह तीन दिवसीय बैठक संघ के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें 32 संगठनों के कुल 320 कार्यकर्ता शामिल होंगे। यह बैठक किसी निर्णय लेने के लिए नहीं होती, बल्कि विभिन्न संगठनों के बीच अनुभवों के आदान-प्रदान और बेहतर समन्वय का माध्यम होती है। यहां से प्राप्त विचार और प्रेरणा के आधार पर हर संगठन अपने कार्यों को आगे बढ़ाता है।
बैठक में वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी की उपस्थिति विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उनके साथ-साथ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी और सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी, सीआर मुकुंद जी, अरुण कुमार जी, रामदत्त चक्रधर जी, अतुल लिमये जी, आलोक कुमार जी सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इन सभी के विचार और अनुभव बैठक में शामिल कार्यकर्ताओं को नई दिशा देंगे और संघ के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगे।
विभिन्न संगठनों के वार्षिक कार्यवृत्त
बैठक में संघ प्रेरित 32 संगठनों के वार्षिक कार्यवृत्त प्रस्तुत किए जाएंगे। इनमें वर्षभर के अनुभवों, उपलब्धियों और चुनौतियों का विवरण शामिल रहेगा। भारतीय किसान संघ, भारतीय मजदूर संघ, विद्यार्थी परिषद (ABVP), विद्या भारती और दिव्यांगजनों के लिए कार्यरत सक्षम जैसे प्रमुख संगठन अपने कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके अलावा, देश के विभिन्न क्षेत्रों, विशेषकर पंजाब, बंगाल, असम और पूर्वोत्तर के जनजातीय क्षेत्रों की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों पर भी चर्चा होगी।
पंच परिवर्तन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विमर्श
बैठक का एक प्रमुख विषय ‘पंच परिवर्तन’ है, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्व आधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। इन विषयों पर गहन विमर्श किया जाएगा, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकें। इसके साथ ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा भी होगी। शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा देने पर भी विचार किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ी को सशक्त बनाया जा सके। जनजातीय समाज में हो रहे बदलावों और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों पर भी चर्चा होगी।
शताब्दी वर्ष की तैयारी
इस बैठक का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य आगामी शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करना है। 2 अक्टूबर, 2025 को विजयादशमी के दिन नागपुर से शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसके तहत मंडल, ग्राम और बस्ती स्तर तक स्वयंसेवकों द्वारा गणवेश में उत्सव मनाया जाएगा। शताब्दी वर्ष के दौरान, देशभर में हिन्दू सम्मेलन, गृह संपर्क, सद्भाव बैठकों, प्रमुख नागरिक गोष्ठियों और युवा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों तक संघ के विचारों को पहुंचाना है।