- जीएसटी परिषद द्वारा दरों में किए गए बड़े बदलावों के बाद आज भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखी गई।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 600 अंकों से ज्यादा की बढ़त के साथ खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 200 अंकों से अधिक मजबूत हुआ।
- जीएसटी में कटौती से सबसे ज्यादा फायदा ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी और बीमा क्षेत्र के शेयरों को हुआ।
समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 04 सितंबर 2025: जीएसटी परिषद की ऐतिहासिक बैठक में दरों में कटौती के फैसले ने आज भारतीय शेयर बाजार में दिवाली से पहले ही रौनक ला दी। जीएसटी के चार-स्तरीय ढांचे को दो प्रमुख स्लैब (5% और 18%) में बदलने की खबर ने निवेशकों के बीच सकारात्मक माहौल बना दिया। इस फैसले का सीधा असर सुबह बाजार खुलते ही दिखा, जब सेंसेक्स 647.27 अंकों की बढ़त के साथ 81,214.98 पर और निफ्टी 194.65 अंकों की बढ़त के साथ 24,909.70 पर खुला। दिन के कारोबार के दौरान, दोनों सूचकांकों ने और भी ऊंची छलांग लगाई।
बाजार जानकारों का मानना है कि इस कदम से घरेलू खपत बढ़ेगी, जिससे कंपनियों की कमाई में भी इजाफा होगा। इस उम्मीद में, निवेशकों ने उन सेक्टरों में जमकर खरीदारी की जिन्हें जीएसटी कटौती से सबसे ज्यादा लाभ मिलने वाला था।
इन सेक्टर्स में हुई जमकर खरीदारी
जीएसटी दरों में कटौती का सबसे ज्यादा फायदा ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोक्ता सामान) सेक्टर को हुआ। 350 सीसी से कम की मोटरसाइकिल और छोटी कारों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करने से ऑटोमोबाइल शेयरों में जबरदस्त उछाल आया। महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M), आयशर मोटर्स, और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियों के शेयरों में 2% से लेकर 6% तक की तेजी दर्ज की गई।
इसी तरह, एफएमसीजी सेक्टर भी जीएसटी कटौती का सबसे बड़ा लाभार्थी बना। साबुन, टूथपेस्ट, शैंपू, नमकीन, और पैकेज्ड फूड जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी को 12% या 18% से घटाकर 5% कर दिया गया। इस खबर के बाद आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), ब्रिटानिया, डाबर और नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों के शेयरों में भी 2% से 7% तक का उछाल देखा गया।
इसके अलावा, बीमा कंपनियों के लिए भी यह एक सकारात्मक दिन रहा, क्योंकि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी को पूरी तरह से हटा दिया गया है। बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व जैसे शेयरों में भी तेजी आई, जिसने निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स को ऊपर धकेला।
बाजार पर दीर्घकालिक प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी में ये बदलाव भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन साबित होंगे। इससे ग्राहकों के लिए सामान सस्ता होगा, मांग बढ़ेगी और कंपनियों का राजस्व भी बढ़ेगा। हालांकि, कुछ सेक्टर्स, जैसे कि तंबाकू और लग्जरी कारों पर 40% का विशेष स्लैब लगाए जाने से इन कंपनियों के शेयरों पर दबाव भी देखा गया। विश्लेषकों का मानना है कि यह ‘जीएसटी 2.0’ भारत की अर्थव्यवस्था को अगले वित्तीय वर्षों में 6.5% से 7% की विकास दर हासिल करने में मदद करेगा, जिससे भारतीय बाजार में एक और तेजी का दौर शुरू हो सकता है।