जीविका निधि से ग्रामीण महिला उद्यमियों को सस्ती दरों पर धन उपलब्ध

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगी पूरी व्यवस्था, पारदर्शी तरीके से होगा सीधा हस्तांतरण

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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितम्बर को बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुभारंभ करेंगे।
  • इस पहल से ग्रामीण महिला उद्यमियों को 18-24% की ऊंची ब्याज दरों से मुक्ति मिलेगी और सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध होगा।
  • यह पूरी व्यवस्था डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम करेगी, जिससे पारदर्शिता और त्वरित हस्तांतरण सुनिश्चित होगा।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 01 सितंबर 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितम्बर को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री संस्थान के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी अंतरित करेंगे।

ग्रामीण महिलाओं के लिए बड़ा कदम

जीविका निधि की स्थापना का उद्देश्य जीविका से जुड़े सामुदायिक सदस्यों को सस्ती ब्याज दरों पर आसान वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है। जीविका के सभी पंजीकृत क्लस्टर स्तरीय महासंघ इस सोसाइटी के सदस्य बनेंगे। इसके संचालन हेतु बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी सहयोग राशि प्रदान करेगी।

महिला उद्यमिता को मिलेगा बल

पिछले कुछ वर्षों में जीविका की स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं विभिन्न प्रकार के छोटे उद्यम और उत्पादक कंपनियां स्थापित कर रही हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में न केवल रोजगार के अवसर बढ़े हैं बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में भी महत्वपूर्ण योगदान हुआ है।

लेकिन अब तक इन महिला उद्यमियों को अक्सर माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं (MFIs) पर निर्भर रहना पड़ता था, जो 18% से 24% तक ऊंची ब्याज दर पर ऋण मुहैया कराती थीं। इस कारण उनके उद्यम की लागत बढ़ जाती थी और मुनाफे की संभावना घट जाती थी। जीविका निधि इसी चुनौती को दूर करने के लिए एक वैकल्पिक वित्तीय व्यवस्था के रूप में सामने आ रही है, जिससे महिलाओं को समय पर बड़ी राशि कम ब्याज दर पर मिल सकेगी।

पूरी तरह डिजिटल व्यवस्था

जीविका निधि का संचालन पूर्णतः डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होगा। इससे ऋण राशि सीधे लाभार्थियों यानी जीविका दीदियों के बैंक खातों में स्थानांतरित होगी। यह प्रक्रिया न केवल तेज होगी बल्कि पूरी तरह पारदर्शी भी रहेगी।

इसी उद्देश्य से 12,000 सामुदायिक कैडर को टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वे डिजिटल माध्यम से ऋण और वित्तीय लेनदेन की निगरानी कर सकें।

महिलाओं की शक्ति को मिलेगा नया आयाम

इस पहल से ग्रामीण महिलाओं की उद्यमिता विकास की गति तेज होगी और सामुदायिक नेतृत्व वाली कंपनियों को मजबूती मिलेगी। सरकार का मानना है कि यदि महिलाओं को सस्ता और समय पर ऋण उपलब्ध कराया जाए तो वे न केवल परिवार की स्थिति सुधार सकती हैं बल्कि पूरे गांव और राज्य की आर्थिक तस्वीर भी बदल सकती हैं।

20 लाख महिलाएं बनेंगी साक्षी

प्रधानमंत्री द्वारा लॉन्च किए जा रहे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को बिहार के विभिन्न जिलों की लगभग 20 लाख महिलाएं ऑनलाइन देखेंगी। जीविका से जुड़ी इन महिलाओं को उम्मीद है कि अब उन्हें महंगी ब्याज दरों वाले ऋणों से छुटकारा मिलेगा और उनके व्यवसाय को नई दिशा मिलेगी।

आत्मनिर्भर बिहार की ओर

बिहार सरकार का कहना है कि जीविका निधि न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह आत्मनिर्भर बिहार के लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जब महिलाएं उद्यमिता को आगे बढ़ाएंगी तो स्थानीय स्तर पर रोजगार और उत्पादन बढ़ेगा।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “नारी शक्ति” पर आधारित उस सोच का हिस्सा है जिसमें महिलाओं को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन की धुरी माना गया है।

संक्षेप में, जीविका निधि से जुड़ी यह पहल बिहार की 20 लाख से अधिक महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और उद्यमिता का नया अवसर प्रदान करेगी। यह योजना न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी बल्कि महिलाओं की पहचान को एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित करेगी।

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