तेजस्वी ने खुद को बताया CM उम्मीदवार, राहुल गांधी की चुप्पी से गरमाई बिहार की सियासत

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  • तेजस्वी यादव ने आरा में एक रैली में खुद को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया।
  • इस घोषणा के वक्त राहुल गांधी और अखिलेश यादव भी मंच पर मौजूद थे, लेकिन राहुल ने चुप्पी साधी रखी।
  • राहुल गांधी की चुप्पी ने कांग्रेस और आरजेडी के बीच संबंधों और सीट बंटवारे को लेकर अटकलों को हवा दी है।

समग्र समाचार सेवा
आरा, 30 अगस्त, 2025: बिहार की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है, जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने खुद को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है। यह घोषणा उन्होंने आरा में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समापन समारोह में की। खास बात यह है कि इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी मंच पर उनके साथ मौजूद थे।

तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्हें ‘नकलची’ करार दिया। उन्होंने जनता से सीधा सवाल पूछा, “क्या आपको ‘डुप्लीकेट सीएम’ चाहिए या ‘ओरिजिनल सीएम’?” इस नारे के साथ ही उन्होंने खुद को महागठबंधन का ‘ओरिजिनल सीएम’ घोषित कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी योजनाओं की नकल सरकार कर रही है और वे आगे-आगे चल रहे हैं, जबकि सरकार उनके पीछे-पीछे चल रही है।

राहुल गांधी की चुप्पी के मायने

तेजस्वी के इस जोरदार ऐलान के बावजूद, मंच पर मौजूद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे में पूछा, तो उन्होंने साफ जवाब देने से बचते हुए कहा कि “एक बहुत अच्छी पार्टनरशिप बनी है, हम सारी की सारी पार्टियां एक साथ जुड़कर काम कर रही हैं।” राहुल गांधी की यह चुप्पी राजनीतिक विश्लेषकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।

कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर असमंजस पहले से ही था। 2020 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा था, जिसके बाद आरजेडी और कांग्रेस के बीच तकरार की खबरें सामने आई थीं। कांग्रेस चाहती है कि उसे इस बार भी सम्मानजनक सीटें मिलें, जबकि आरजेडी अपने प्रमुख सहयोगी को कम सीटों पर सहमत कराना चाहती है। राहुल गांधी की चुप्पी से यह संकेत मिलता है कि कांग्रेस फिलहाल किसी भी कीमत पर तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार करने से हिचकिचा रही है।

महागठबंधन में दरार की अटकलें

तेजस्वी यादव की यह घोषणा उस समय आई है, जब विपक्षी दलों का ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुटता दिखाने की कोशिश कर रहा है। जहां एक ओर अखिलेश यादव ने तेजस्वी का खुलकर समर्थन करते हुए कहा है कि “बिहार में तेजस्वी से बेहतर चेहरा कोई नहीं हो सकता,” वहीं कांग्रेस का रुख अभी भी साफ नहीं है। भाजपा ने इस स्थिति का फायदा उठाते हुए महागठबंधन पर निशाना साधा है।

भाजपा के नेता सुरेंद्र मेहता ने कहा कि “महागठबंधन में घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी, तेजस्वी को सीएम उम्मीदवार मानने के लिए तैयार नहीं हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस किसी भी कीमत पर तेजस्वी को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। यह घटनाक्रम बिहार के आगामी विधानसभा चुनावों से पहले विपक्षी खेमे में एक नई हलचल पैदा कर रहा है।

तेजस्वी ने भले ही खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया हो, लेकिन कांग्रेस की चुप्पी यह दर्शाती है कि गठबंधन के भीतर नेतृत्व को लेकर अंतिम सहमति अभी नहीं बनी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में क्या मोड़ लेता है और क्या महागठबंधन चुनाव से पहले इस आंतरिक दरार को भर पाता है।

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