- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान को भारत में निवेश के लिए ‘स्प्रिंगबोर्ड’ बताया।
- उन्होंने कहा कि जापान की उत्कृष्ट तकनीक और भारत की विशाल क्षमता मिलकर “परफेक्ट पार्टनरशिप” बना सकते हैं।
- पीएम मोदी ने जापानी कंपनियों को भारत में विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, हरित ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में निवेश का न्योता दिया।
समग्र समाचार सेवा
टोक्यो, 30 अगस्त, 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी जापान यात्रा के दौरान टोक्यो फोरम में जापानी निवेशकों और व्यापार जगत के दिग्गजों को संबोधित किया। अपने संबोधन में, उन्होंने भारत की राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता पर जोर देते हुए जापान को भारत में निवेश करने का सीधा न्योता दिया। उन्होंने कहा कि आज दुनिया सिर्फ भारत को देख नहीं रही है, बल्कि उस पर भरोसा भी कर रही है। उनका यह बयान भारत को एक विश्वसनीय और आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करता है।
पीएम मोदी ने भारत की प्रगति के लिए सरकार के “रिफॉर्म, परफॉर्म, और ट्रांसफॉर्म” के दृष्टिकोण को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी जैसे कर सुधारों, व्यापार करने में सुगमता के लिए उठाए गए कदमों और डिजिटल अनुमोदन जैसी पहलों ने भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए एक पसंदीदा जगह बना दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और इसके मजबूत बाजार अच्छे रिटर्न दे रहे हैं, जिससे यह जापानी व्यवसायों के लिए एक बेहतरीन अवसर है।
तकनीक और प्रतिभा का अनोखा संगम
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जापान की उन्नत तकनीक और भारत के विशाल प्रतिभा पूल का संयोजन 21वीं सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकता है। उन्होंने कहा कि “जापान की टेक्नोलॉजी और भारत की टैलेंट मिलकर इस सदी की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सकते हैं।” उन्होंने जापानी कंपनियों को ऑटोमोबाइल, बैटरी, रोबोटिक्स, सेमीकंडक्टर, जहाज निर्माण और परमाणु ऊर्जा जैसे नए क्षेत्रों में भारत के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया।
यह साझेदारी सिर्फ आर्थिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि रक्षा और अंतरिक्ष जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में भी सहयोग को मजबूत करेगी। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने इन क्षेत्रों को निजी खिलाड़ियों के लिए खोल दिया है, जिससे जापानी निवेश और तकनीकी सहयोग के लिए नए रास्ते खुल गए हैं।
ग्लोबल साउथ के लिए साझा रोडमैप
पीएम मोदी ने भारत और जापान के बीच साझेदारी को केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने कहा कि भारत, जापानी व्यवसायों के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ के बाजारों तक पहुंचने का एक मजबूत आधार बन सकता है। दोनों देशों ने मिलकर अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में विकास में योगदान करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह एक ऐसा कदम है जो भारत और जापान को न केवल आर्थिक रूप से बल्कि भू-राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण बना देगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में पूंजी सिर्फ बढ़ती नहीं है, बल्कि कई गुना बढ़ती है। उन्होंने कहा कि हाल ही के वर्षों में जापानी कंपनियों ने भारत में 40 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अगले 10 वर्षों में जापान से 10 ट्रिलियन येन के निजी निवेश का लक्ष्य रखा है। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जो दोनों देशों के बीच गहरे विश्वास और मजबूत संबंधों को दर्शाता है।