- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन के तिआनजिन में भारतीय समुदाय ने भव्य स्वागत किया।
- स्वागत समारोह में ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे गूंजे।
- भारतीय संगीत से प्रेरित चीनी कलाकारों ने सितार, तबला और भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी।
समग्र समाचार सेवा
तिआनजिन, 30 अगस्त, 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय चीन यात्रा पर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तिआनजिन पहुंचे। उनकी अगवानी के लिए वहां भारतीय समुदाय के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे, जिन्होंने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों से पूरे माहौल को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। यह स्वागत इस बात का प्रतीक था कि भारत और उसके लोग भौगोलिक दूरियों के बावजूद एकजुट हैं।
प्रधानमंत्री का स्वागत सिर्फ भारतीय समुदाय तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें चीनी कलाकारों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। कुछ चीनी कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय संगीत वाद्ययंत्रों जैसे सितार, तबला और संतूर को बजाकर पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके अलावा, चीनी भरतनाट्यम नर्तकियों के एक समूह ने भी अपनी प्रस्तुति दी, जो यह दर्शाता है कि भारतीय कला और संस्कृति की प्रशंसा चीन में भी बढ़ रही है। इन चीनी कलाकारों ने वर्षों तक भारतीय कला रूपों का अध्ययन किया है।
सांस्कृतिक पुलों का निर्माण
यह स्वागत समारोह केवल एक राजनयिक घटना नहीं था, बल्कि यह भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक पुलों के निर्माण का भी एक महत्वपूर्ण क्षण था। दोनों देशों के बीच प्राचीन सभ्यताओं के तौर पर गहरे सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिन्हें हाल के वर्षों में कई कारणों से धक्का लगा था। इस तरह के सांस्कृतिक आदान-प्रदान से दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी समझ और सम्मान को बढ़ावा मिलेगा।
यह पीएम मोदी की सात वर्षों के बाद चीन की पहली यात्रा थी, जो 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य करने के प्रयासों के बीच हो रही है। इस यात्रा में उनका उद्देश्य चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिल सके।
तिआनजिन में हुआ यह भव्य स्वागत दोनों देशों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देता है, जहां कूटनीति और परंपरा का मेल देखा जा सकता है। यह दिखाता है कि राजनीतिक तनाव के बावजूद, लोग और संस्कृतियां एक-दूसरे से जुड़ने के तरीके खोज लेती हैं। इस यात्रा से व्यापार, वीजा और कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों को लाभ होगा।