दिल्ली को मिलेगा भगवान बिरसा मुंडा भवन, जनजातीय गौरव का नया केंद्र

जनजातीय समाज के सम्मान में एक नई पहल

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  • दिल्ली में भगवान बिरसा मुंडा भवन (जनजातीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र) का लोकार्पण 31 अगस्त को होगा।
  • यह भवन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा निर्मित किया गया है।
  • लोकार्पण समारोह में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मुख्य वक्ता होंगे।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 अगस्त, 2025:  देश की राजधानी दिल्ली में जनजातीय समाज के गौरव और संस्कृति को समर्पित एक महत्वपूर्ण केंद्र का उद्घाटन होने जा रहा है। 31 अगस्त, रविवार को भगवान बिरसा मुंडा भवन का लोकार्पण समारोह आयोजित किया जाएगा। यह भवन जनजातीय अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जो अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा सेक्टर-6, पुष्प विहार, नई दिल्ली में निर्मित किया गया है। यह केंद्र भारत के जनजातीय समुदायों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मुख्य वक्ता होंगे। उनके साथ केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और किरेन रिजिजू भी इस समारोह में उपस्थित रहेंगे। यह भवन महान जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। इसे जनजातीय समाज के बलिदान, संघर्ष और सांस्कृतिक गौरव के प्रतीक के रूप में स्थापित किया गया है।

अनुसंधान और प्रशिक्षण का केंद्र

भगवान बिरसा मुंडा भवन का उद्देश्य केवल एक इमारत का निर्माण करना नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत केंद्र होगा जहां जनजातीय समाज के मुद्दों पर गहन अनुसंधान किया जाएगा और उनके कल्याण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएंगे। यहां पर जनजातीय कला, संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह केंद्र शोधकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा, जो जनजातीय विकास के लिए काम कर रहे हैं।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के साथ भी मेल खाती है, जिसे हर साल 15 नवंबर को मनाया जाता है। सरकार और विभिन्न संगठनों का यह प्रयास जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके योगदान को मान्यता देने के लिए है। भगवान बिरसा मुंडा के जीवन और संघर्ष ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है और यह भवन उनकी विरासत को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम करेगा।

जनजातीय कल्याण की दिशा में एक कदम

इस भवन के निर्माण से जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण के लिए नए रास्ते खुलेंगे। यह केंद्र उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यहां होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय युवाओं को आधुनिक कौशल प्रदान किया जाएगा, जिससे वे रोजगार प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस तरह का एक समर्पित केंद्र जनजातीय मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने और उनके समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

लोकार्पण समारोह में उपस्थित प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति इस परियोजना के महत्व को दर्शाती है। यह दिखाता है कि जनजातीय कल्याण सरकार और संघ के एजेंडे में एक उच्च प्राथमिकता है। यह भवन न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि एक ऐसा केंद्र है जो भारत के जनजातीय समाज के उज्जवल भविष्य की नींव रखेगा।

 

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