मोहन सरकार का युवाओं को तोहफा: 2.5 लाख रोजगार देने की तैयारी

मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी का पिटारा खुला, पांच साल में ढाई लाख रोजगार देने का लक्ष्य

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  • मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने एक लाख सरकारी पदों पर जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है।
  • यह भर्ती अगले पांच सालों में 2.50 लाख सरकारी नौकरियां देने के वादे का हिस्सा है।
  • सरकार ने इसके लिए नया फॉर्मूला तैयार किया है, जिसमें विभागों को रिक्त पदों की संख्या के अनुसार चरणबद्ध तरीके से भर्ती करने का निर्देश दिया गया है।

समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 27 अगस्त 2025: मध्य प्रदेश में डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार का पिटारा खोल दिया है। सरकार ने एक लाख सरकारी पदों पर जल्द भर्ती शुरू करने का ऐलान किया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री के उस बड़े संकल्प का हिस्सा है, जिसके तहत अगले पांच सालों में 2.50 लाख सरकारी नौकरियां देने का वादा किया गया है। सरकारी भर्तियों के साथ-साथ निजी और स्वरोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है।

सरकारी भर्तियों के लिए नया रोडमैप

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभाग में खाली पड़े पदों की जानकारी तुरंत दें। इसके लिए एक नया और पारदर्शी फॉर्मूला भी तैयार किया गया है। इस फॉर्मूले के तहत, जिन विभागों में 50 से कम रिक्त पद हैं, उन्हें दो चरणों में भरा जाएगा। वहीं, जिन विभागों में 51 से 200 के बीच पद खाली हैं, वहां 100 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होगी। 200 से अधिक रिक्तियों वाले बड़े विभागों में भी एक विशेष अनुपात में भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया को तेजी से और पारदर्शी तरीके से पूरा करना है।

शिक्षा और पुलिस में बंपर भर्तियां

सरकार के इस बड़े ऐलान से सबसे ज्यादा लाभ स्कूल शिक्षा और पुलिस विभाग को होने की उम्मीद है। स्कूल शिक्षा विभाग में 24,000 से अधिक पद खाली हैं, जिन पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग में भी 6,000 से ज्यादा पद भरने की योजना है। पुलिस विभाग में भी अगले तीन सालों तक हर साल 7,500 पदों पर भर्तियां करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए एक अलग से पुलिस भर्ती बोर्ड भी बनाने की बात कही जा रही है। इन भर्तियों से राज्य में कानून-व्यवस्था और शिक्षा प्रणाली में सुधार की उम्मीद है।

रोजगार मेला और निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन

सरकारी नौकरियों के अलावा, मोहन सरकार ने 2 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने का भी लक्ष्य रखा है। इसके लिए नई औद्योगिक नीतियां और स्टार्टअप पॉलिसी 2025 को मंजूरी दी गई है। इन नीतियों के तहत, सरकार निवेशकों को सब्सिडी, भूमि आवंटन में पारदर्शिता और अन्य सुविधाएं दे रही है, ताकि वे प्रदेश में उद्योग स्थापित करें और रोजगार पैदा करें। नई एमएसएमई नीति से अकेले 86 लाख रोजगार पैदा होने और 53,000 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है। सरकार रोजगार मेलों का भी आयोजन कर रही है और युवाओं को विभिन्न योजनाओं के तहत स्वरोजगार के लिए ऋण और अनुदान भी दे रही है।

युवाओं को मिली बड़ी राहत

लंबे समय से बेरोजगारी का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए यह घोषणा एक बड़ी राहत है। लाखों युवा सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं और यह भर्ती प्रक्रिया उनके लिए उम्मीद की एक नई किरण लेकर आई है। मुख्यमंत्री ने स्वयं कहा है कि युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा में लगाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है और वे इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इस कदम से न केवल बेरोजगारी कम होगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

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