भागलपुर में खुलासा: दो पाकिस्तानी महिलाएँ वोटर और सरकारी कर्मचारी

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समग्र समाचार सेवा
भागलपुर, 25 अगस्त -बिहार के भागलपुर जिले से एक बड़ा और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान यह खुलासा हुआ कि पाकिस्तान से आई दो महिलाएं न केवल भारत की मतदाता सूची में शामिल हैं, बल्कि सरकारी सेवा में भी कार्यरत हैं। यह घटना न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

कैसे हुआ खुलासा

भागलपुर जिले में चल रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान स्थानीय प्रशासन ने रिकॉर्ड का बारीकी से परीक्षण किया। इसी दौरान अधिकारियों को शक हुआ और आगे की जांच में पता चला कि दो महिलाओं की नागरिकता दस्तावेज़ संदिग्ध हैं। विस्तृत पड़ताल में यह सामने आया कि दोनों मूल रूप से पाकिस्तान की नागरिक हैं, लेकिन दस्तावेज़ों की हेराफेरी कर उन्होंने भारत में न सिर्फ मतदाता पहचान पत्र बनवा लिया बल्कि सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली।

प्रशासन में हड़कंप

इस खुलासे के बाद स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों ने तुरंत इन दोनों महिलाओं की पहचान और दस्तावेजों की सत्यता की जांच शुरू कर दी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां भी मामले में सक्रिय हो गई हैं। अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और किस स्तर पर अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरती।

सुरक्षा पर सवाल

पाकिस्तान की नागरिकों का भारतीय वोटर सूची में नाम दर्ज होना और सरकारी नौकरी हासिल कर लेना एक गहरी सुरक्षा चूक मानी जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर घुसपैठिए न केवल भारत में बसने लगे हैं बल्कि सरकारी तंत्र में भी घुसपैठ कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल प्रशासनिक गलती नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

मामला सामने आते ही राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि यह लापरवाही सिर्फ स्थानीय स्तर की नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता है। वहीं, सत्तारूढ़ दल ने आश्वासन दिया है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आगे की कार्यवाही

चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी कीमत पर मतदाता सूची में विदेशी नागरिकों के नाम बर्दाश्त नहीं किए जाएँगे। प्रशासन अब इस बात की जांच में जुटा है कि इन महिलाओं को किसने और किन परिस्थितियों में फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराए। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस तरह के और मामले जिले या प्रदेश में मौजूद हैं।

निष्कर्ष

भागलपुर से निकला यह खुलासा पूरे देश के लिए चेतावनी है। यह मामला बताता है कि अगर प्रशासनिक सतर्कता न बरती जाए तो विदेशी नागरिक भी आसानी से भारतीय पहचान प्राप्त कर सकते हैं और संवेदनशील पदों तक पहुँच सकते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले को कितनी गंभीरता से लेकर कार्रवाई करती हैं।

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