देश में होगा बॉक्सिंग का महाकुंभ! ओलंपिक के लिए खिलाड़ी तैयार करेगा फेडरेशन

इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन की बड़ी योजना, देशभर में बॉक्सिंग लीग के बाद होंगे राष्ट्रीय मुकाबले।

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  • इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन अगले एक साल में देश के सभी राज्यों में बॉक्सिंग लीग का आयोजन करेगी।
  • यह पहल देश में बॉक्सिंग प्रतिभाओं को निखारने और 2032 के ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के उद्देश्य से की गई है।
  • फेडरेशन ‘फाइट नाइट फिस्टा’ जैसे आयोजनों के माध्यम से उभरते हुए मुक्केबाजों को एक मंच प्रदान कर रही है।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 अगस्त, 2025: भारत में मुक्केबाजी के खेल को एक नई दिशा देने और ओलंपिक में अधिक पदक जीतने के लक्ष्य के साथ, इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन ने एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। फेडरेशन अगले एक साल के भीतर पूरे देश के सभी राज्यों में बॉक्सिंग लीग का आयोजन करने जा रही है। इन लीगों के बाद एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भी कराई जाएगी, जिसमें से देश के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाजों का चयन कर उन्हें ओलंपिक खेलों के लिए तैयार किया जाएगा। यह घोषणा दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में ‘फाइट नाइट फिस्टा’ नामक एक भव्य प्रो-बॉक्सिंग इवेंट के उद्घाटन के मौके पर की गई।

बॉक्सिंग को मिलेगी नई पहचान

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री अरुण सिंह ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “देश को ओलंपिक में अपने बेहतरीन खिलाड़ी भेजने हैं, और इसके लिए इंडियन एमेच्योर बॉक्सिंग फेडरेशन का यह मंच बॉक्सिंग प्रतिभाओं को निखारने का एक शानदार मौका है।” उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर ऐसे आयोजनों से ही देश को ओलंपिक में गौरव दिलाने वाले मुक्केबाज मिलेंगे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बॉक्सिंग के खेल को मशहूर बनाना और हर युवा तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करना है।

2032 ओलंपिक की तैयारी

पूर्व केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने भी फेडरेशन के इस कदम की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत 2032 में ओलंपिक खेलों की मेजबानी का प्रयास कर रहा है, और ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि हम बॉक्सिंग जैसे खेलों में ज्यादा से ज्यादा पदक जीतें। गोयल ने कहा कि ‘फाइट नाइट फिस्टा’ जैसे आयोजन खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाबले के लिए तैयार करने में मदद करेंगे। इस आयोजन में देशभर से आए मुक्केबाजों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पहले दिन कुल सात मुकाबले हुए, जिनमें तीन महिलाओं के और चार पुरुषों के थे। प्रत्येक विजेता को 51 हजार रुपये और उपविजेता को 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया।

फेडरेशन का खिलाड़ियों के लिए समर्थन

फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्रा ने इस मौके पर मुक्केबाजों के लिए अपने समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाओं को खेलने का अनुभव दिलवा सकें और हमारे यहां के मुक्केबाजों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए बुलावा आ सके।” उन्होंने बताया कि फेडरेशन इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले मुक्केबाजों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन भी करा रही है, ताकि उन्हें वैश्विक मंच मिल सके। फेडरेशन खुद ही इन खिलाड़ियों की रजिस्ट्रेशन फीस भी वहन कर रही है, जो उनके लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।

इस कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह मीडिया प्रमुख संजय मयूख और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। फेडरेशन की यह पहल न केवल मुक्केबाजी को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत को एक मजबूत ओलंपिक शक्ति के रूप में स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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