‘अगर मुझे कुछ हुआ तो जिम्मेदार अखिलेश होंगे’: पूजा पाल
सपा से निष्कासित पूजा पाल का अखिलेश पर गंभीर आरोप, बोलीं- मुझे कुछ हुआ तो जिम्मेदारी आपकी।
- सपा से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने अखिलेश यादव को पत्र लिखकर अपनी हत्या होने पर उन्हें जिम्मेदार बताया है।
- पूजा पाल का आरोप है कि समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद उन्हें जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं।
- उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि इन धमकियों के पीछे माफिया अतीक अहमद के समर्थक हो सकते हैं।
समग्र समाचार सेवा
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, 24 अगस्त, 2025: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक पूजा पाल ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। इस पत्र में पूजा पाल ने कहा है कि उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार गालियाँ और जान से मारने की धमकियाँ मिल रही हैं और अगर उनकी हत्या होती है या कोई अप्रिय घटना होती है, तो इसके जिम्मेदार अखिलेश यादव होंगे। पूजा पाल ने यह भी दावा किया कि उनके निष्कासन के बाद माफिया अतीक अहमद के समर्थकों का मनोबल बढ़ गया है।
क्यों हुआ पूजा पाल का निष्कासन?
पूजा पाल, जो कि प्रयागराज की चायल सीट से सपा की विधायक थीं, को हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया था। यह मामला तब गरमाया जब उन्होंने राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ वोट दिया था। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ भी की। पूजा पाल ने कहा था कि योगी सरकार ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाकर माफिया राज को खत्म किया है। विशेष रूप से, उन्होंने माफिया अतीक अहमद का नाम लिया, जिस पर उनके पति राजू पाल की हत्या का आरोप था। पूजा पाल का कहना है कि इसी बयान और पार्टी के खिलाफ जाने के कारण उन्हें निष्कासित किया गया।
क्या है राजू पाल हत्याकांड?
पूजा पाल का राजनीतिक जीवन उनके पति राजू पाल की हत्या से जुड़ा हुआ है। 2005 में तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ थे। राजू पाल ने 2004 के विधानसभा उपचुनाव में अतीक के भाई अशरफ को हराकर जीत हासिल की थी। राजू पाल की हत्या के बाद, उनकी पत्नी पूजा पाल ने राजनीतिक विरासत संभाली और अतीक अहमद जैसे बाहुबलियों के खिलाफ न्याय की लड़ाई जारी रखी। 2023 में उमेश पाल हत्याकांड के बाद, अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी।
पूजा पाल के आरोपों का आधार
अपने पत्र में, पूजा पाल ने कहा है कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने के बाद अतीक अहमद के समर्थकों को यह संदेश गया है कि अब वह सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि “सपा के लोग और खासकर प्रयागराज में अतीक के समर्थक अब कुछ भी कर सकते हैं।” उन्होंने दावा किया कि उन्हें पहले से भी धमकियाँ मिल रही थीं, लेकिन पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद यह धमकियाँ और बढ़ गई हैं। पूजा पाल ने कहा कि एक पीड़ित महिला होने के नाते उन्होंने न्याय के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उनका सम्मान नहीं किया।
आगे क्या होगा यूपी की राजनीति में?
पूजा पाल के इस पत्र ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नई बहस छेड़ दी है। भाजपा खेमा इसे सपा के खिलाफ एक बड़े हथियार के रूप में देख रहा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर माफिया और राजनीति के गठजोड़ के पुराने आरोपों को हवा देता है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए। वहीं, सपा प्रवक्ता ने पूजा पाल की राजनीतिक विचारधारा को आरएसएस से प्रेरित बताया है। पूजा पाल की मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि वह जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकती हैं।