जयशंकर ने खोला राज: ‘ट्रंप की विदेश नीति बच्चों के ‘कट्टी’ वाले खेल जैसी नहीं’

विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका-भारत संबंधों पर रखी बेबाक राय, ट्रम्प की नीतियों को बताया अप्रत्याशित।

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  • विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति को अपरंपरागत बताया, कहा- “ऐसी सार्वजनिक नीति पहले कभी नहीं देखी।”
  • उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते “कट्टी” जैसे नहीं हैं, लेकिन किसानों के हित में कोई समझौता नहीं होगा।
  • जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले का कड़ाई से बचाव किया और अमेरिकी आलोचना पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 अगस्त, 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% तक टैरिफ लगाने की धमकी के बाद, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के साथ देश के संबंधों पर खुलकर बात की है। इकोनॉमिक टाइम्स वर्ल्ड लीडर्स फोरम 2025 में बोलते हुए, जयशंकर ने ट्रम्प प्रशासन की विदेश नीति की शैली पर अपनी राय रखी और इसे पारंपरिक तरीकों से पूरी तरह अलग बताया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत जारी है, लेकिन भारत कुछ ‘रेड लाइंस’ को पार नहीं करेगा।

ट्रम्प की नीति पर जयशंकर की सीधी टिप्पणी

विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले कभी किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को विदेश नीति इतनी सार्वजनिक तरीके से चलाते हुए नहीं देखा है। ट्रम्प का दुनिया और अपने देश के साथ व्यवहार करने का तरीका, पारंपरिक कूटनीति से बहुत अलग है। जयशंकर ने साफ किया कि यह बदलाव केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि दुनिया भर के देशों के लिए एक नया अनुभव है। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक मतभेद गहरा रहे हैं और ट्रम्प ने भारतीय आयात पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है।

‘किसानों के हित में कोई समझौता नहीं’

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक बातचीत पर जयशंकर ने कहा कि रिश्ते बच्चों की “कट्टी” वाली दोस्ती जैसे नहीं हैं, जो एक झटके में टूट जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच संवाद लगातार जारी है। हालाँकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के अपने हित सर्वोपरि हैं। हमारी “रेड लाइन्स” हैं और हम उनसे पीछे नहीं हटेंगे। इन रेड लाइन्स में सबसे महत्वपूर्ण भारत के किसानों और छोटे उत्पादकों का हित है। उन्होंने कहा कि सरकार इन वर्गों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी। यह एक मजबूत संदेश है कि भारत अपनी संप्रभुता और आर्थिक सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा, भले ही इसका मतलब अमेरिका के साथ संबंधों में तनाव हो।

रूसी तेल पर अमेरिका को दो टूक जवाब

रूसी तेल खरीदने के भारत के फैसले को लेकर अमेरिकी प्रशासन की आलोचना पर जयशंकर ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में कोई समस्या है, तो मत खरीदिए। कोई आपको मजबूर नहीं कर रहा।” उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब यूरोपीय देश रूस से भारत की तुलना में कहीं अधिक व्यापार करते हैं, तो भारत को ही निशाना क्यों बनाया जा रहा है? जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत के ऊर्जा से जुड़े फैसले राष्ट्रीय हित में लिए जाते हैं और देश किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य वैश्विक बाजार में तेल की कीमतों को स्थिर रखना है, जो कि वैश्विक हित में भी है।

बदलती वैश्विक राजनीति और भारत का रुख

जयशंकर ने कहा कि भारत की विदेश नीति अब रणनीतिक स्वायत्तता पर आधारित है। भारत किसी भी देश के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेगा, लेकिन अपनी स्वतंत्रता और राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने पाकिस्तान के साथ अमेरिकी संबंधों पर भी टिप्पणी की और कहा कि भारत किसी भी तरह की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा। जयशंकर का यह बयान वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते आत्मविश्वास और एक स्वतंत्र विदेश नीति के दृष्टिकोण को दर्शाता है।

 

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