महाभारत का जिक्र: गिरिराज सिंह ने लालू को कहा धृतराष्ट्र, तेजस्वी को दुर्योधन
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पटना में लालू-तेजस्वी पर साधा निशाना, महाभारत के 'धृतराष्ट्र' और 'दुर्योधन' से की तुलना।
- केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव की तुलना महाभारत के पात्रों से की।
- पटना में एक कार्यक्रम में उन्होंने लालू को धृतराष्ट्र और तेजस्वी को दुर्योधन बताया।
- गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस तरह धृतराष्ट्र का दुर्योधन को राजा बनाने का सपना अधूरा रह गया, उसी तरह लालू का सपना भी कभी पूरा नहीं होगा।
समग्र समाचार सेवा
पटना, बिहार, 23 अगस्त, 2025: बिहार की राजनीति में जुबानी जंग कोई नई बात नहीं है, लेकिन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस बार एक ऐसे बयान से हलचल मचा दी है, जिसमें उन्होंने सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव पर महाभारत के पात्रों से तुलना करते हुए हमला बोला है। पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में लालू प्रसाद का सपना कभी पूरा नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने तेजस्वी को दुर्योधन बना दिया है।
लालू का ‘धृतराष्ट्र प्रेम’ और तेजस्वी का ‘दुर्योधन’ बनना
अपने संबोधन के दौरान गिरिराज सिंह ने महाभारत का उदाहरण देते हुए कहा कि धृतराष्ट्र ने अपने पुत्र दुर्योधन के प्रति अगाध प्रेम के कारण उसे राजा बनाने का सपना देखा था। लेकिन दुर्योधन की गलत नीतियों और अहंकार ने न केवल धृतराष्ट्र के सपने को तोड़ा, बल्कि पूरे कुरुवंश का नाश भी कर दिया। गिरिराज सिंह ने इसी तरह की तुलना लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के साथ करते हुए कहा कि लालू प्रसाद भी धृतराष्ट्र की तरह अपने पुत्र को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बेचैन हैं, लेकिन जिस तरह धृतराष्ट्र का सपना अधूरा रहा, उसी तरह लालू प्रसाद का सपना भी कभी पूरा नहीं होगा।
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार की जनता यह बात भली-भांति जानती है कि अगर तेजस्वी यादव को सत्ता मिल जाती है, तो प्रदेश में एक बार फिर अराजकता और अव्यवस्था का माहौल कायम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता महाभारत जैसा माहौल नहीं चाहती। बिहार अब विकास के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है और लोग दोबारा उस दौर में नहीं लौटना चाहते, जब सड़कों की हालत खराब थी, स्कूल बंद थे और अस्पताल उपेक्षित थे।
बिहार की राजनीति में महाभारत की एंट्री
गिरिराज सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति में भाजपा और राजद के बीच तीखी नोकझोंक चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव पर लगातार हमले कर रहे हैं। इन हमलों में अक्सर भ्रष्टाचार, परिवारवाद और जंगलराज जैसे मुद्दों को उठाया जाता है। गिरिराज सिंह का महाभारत का जिक्र करना इस हमले को एक नया और सांस्कृतिक आयाम देता है, जो हिंदी भाषी राज्यों के मतदाताओं के बीच अक्सर गूंजता है।
महाभारत के पात्रों का राजनीतिक संदर्भ
महाभारत के पात्रों का इस्तेमाल राजनीति में अक्सर प्रतीकात्मक रूप से किया जाता है। धृतराष्ट्र को पुत्रमोह में अंधा राजा माना जाता है, जो अपने पुत्र दुर्योधन की गलत नीतियों को नजरअंदाज करता रहा। वहीं, दुर्योधन को अहंकार, सत्ता लोलुपता और अन्याय का प्रतीक माना जाता है। गिरिराज सिंह के इन उपमाओं का इस्तेमाल करने का मकसद यह दिखाना है कि लालू प्रसाद यादव, अपने पुत्र के प्रति स्नेह में, तेजस्वी की कमियों को नजरअंदाज कर रहे हैं। भाजपा इस तुलना के जरिए यह संदेश देना चाहती है कि अगर तेजस्वी सत्ता में आते हैं तो वह अपने परिवार के हितों को सर्वोपरि रखेंगे, जिससे बिहार को नुकसान होगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि गिरिराज सिंह के इस बयान पर राजद और तेजस्वी यादव की क्या प्रतिक्रिया आती है। हालाँकि, यह साफ है कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में और भी ऐसे तीखे और प्रतीकात्मक हमले देखने को मिल सकते हैं।