चमोली में बादल फटने से हाहाकार: थराली में भारी तबाही, दो लोग लापता
चमोली के थराली में बादल फटा, जनजीवन अस्त-व्यस्त।
- चमोली जिले के थराली में बादल फटने से भारी तबाही, 2 लोग लापता।
- भूस्खलन के कारण कई सड़कें, पुल और घर क्षतिग्रस्त; एसडीम आवास को भी नुकसान।
- राहत और बचाव कार्य जारी, लेकिन लगातार बारिश से बाधा आ रही है।
समग्र समाचार सेवा
थराली, उत्तराखंड, 23 अगस्त 2025: उत्तराखंड के चमोली जिले में बीते दिनों हुई भीषण बारिश और बादल फटने की घटना ने थराली क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। रात के अंधेरे में आई इस प्राकृतिक आपदा ने लोगों को संभलने का मौका तक नहीं दिया। तेज गरज के साथ हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण पूरा इलाका मलबे और पानी से भर गया। इस घटना में अभी तक दो लोगों के लापता होने की खबर है, जबकि कई घर, वाहन और सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सड़कें बनीं नदियाँ, थम गया जनजीवन
राडीबगड़ इलाके में बादल फटने के बाद स्थिति बेहद गंभीर हो गई। पहाड़ से आए मलबे और कीचड़ के सैलाब ने सड़कों को पूरी तरह से ढक दिया। स्थानीय लोगों के अनुसार, रास्तों से पानी इस कदर बह रहा था कि वे नदियों जैसे लग रहे थे। थराली बाजार और आस-पास के क्षेत्रों में कई घरों में पानी और मलबा घुस गया, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी। इस घटना के कारण बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया।
कई वाहन मलबे में दबे, एसडीम आवास भी क्षतिग्रस्त
बादल फटने की इस घटना ने न सिर्फ आम लोगों को प्रभावित किया, बल्कि प्रशासनिक भवनों को भी नुकसान पहुँचाया। मलबा और बाढ़ का पानी थराली के उप-जिलाधिकारी (SDM) के सरकारी आवास तक पहुँच गया, जिससे भवन को काफी क्षति हुई। इसके अलावा, कई निजी वाहन भी भूस्खलन की चपेट में आ गए और मलबे के नीचे दबकर पूरी तरह से नष्ट हो गए। थराली नगर पंचायत अध्यक्ष के आवास को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की है।
दो लापता, बचाव कार्य में आ रही बाधा
इस आपदा में थराली क्षेत्र के दो लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है। सागवाड़ा गाँव में एक व्यक्ति मलबे में दब गया, जबकि चहेपाडु बाजार से एक अन्य व्यक्ति लापता है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस और सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जेसीबी और अन्य भारी मशीनों की मदद से सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है, ताकि यातायात को जल्द से जल्द बहाल किया जा सके। हालांकि, रुक-रुक कर हो रही बारिश और मलबा अधिक होने के कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन ने प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
प्रशासन की तैयारी और भविष्य की चुनौतियाँ
चमोली में बादल फटने की यह घटना एक बार फिर से पहाड़ों की संवेदनशीलता को उजागर करती है। यह घटना उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों के लिए एक चेतावनी है, जहाँ मानसून के दौरान ऐसी आपदाएँ आम हो गई हैं। भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए प्रशासन को और अधिक प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। इसमें आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना, संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर रोक लगाना और लोगों को समय रहते अलर्ट करने की व्यवस्था करना शामिल है। फिलहाल, थराली के लोग इस आपदा से उबरने का प्रयास कर रहे हैं और प्रशासन हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।