भारत से दोस्ती खत्म हुई तो चीन का राज होगा: निक्की हेली

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने कहा, 'अगर हम भारत के साथ दोस्ती नहीं बनाए रखते हैं, तो चीन दुनिया को नियंत्रित करेगा।' उन्होंने अमेरिका-भारत संबंधों में गिरावट पर चिंता जताई।

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
  • संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिका-भारत संबंध “ढहने की कगार पर” हैं, जो चीन को रोकने के लिए एक बड़ा झटका होगा।
  • उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को ठीक नहीं किया, तो चीन दुनिया को नियंत्रित करने की स्थिति में आ जाएगा।
  • हेली ने भारत को “चीन के लिए एकमात्र वास्तविक संतुलन” बताया और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 अगस्त, 2025: संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत और रिपब्लिकन पार्टी की नेता निक्की हेली ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है, जिसमें उन्होंने अमेरिका-भारत संबंधों को “ढहने की कगार पर” बताया है। उन्होंने एक थिंक टैंक के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि अमेरिका की वर्तमान नीतियों के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई है। हेली का मानना है कि अमेरिका को भारत के साथ अपने संबंधों को एकतरफा नहीं मानना चाहिए, बल्कि इसे एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत को उस तरह से गले लगाना होगा जैसे चीन और रूस उसे गले लगा रहे हैं। यदि अमेरिका ऐसा नहीं करता है, तो भारत इन दोनों देशों के करीब चला जाएगा, जो अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा होगा।

चीन को रोकने के लिए भारत क्यों है अहम?

निक्की हेली के अनुसार, चीन दुनिया की सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती है, और उसे रोकने के लिए भारत ही “एकमात्र वास्तविक संतुलन” है। उन्होंने कहा कि चीन ने जिस तरह से ताइवान और दक्षिण चीन सागर में आक्रामकता दिखाई है, उससे साफ है कि उसकी विस्तारवादी नीतियां पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं। हेली का मानना है कि भारत, अपनी विशाल आबादी, बढ़ती अर्थव्यवस्था और मजबूत सैन्य शक्ति के कारण, चीन की महत्वाकांक्षाओं पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अगर अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को कमजोर करता है, तो वह चीन को और मजबूत होने का मौका देगा, जिससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव कम हो जाएगा।

सकारात्मक संबंध: सिर्फ बातचीत नहीं, कार्रवाई भी जरूरी

हेली ने जोर देकर कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अपने संबंधों को केवल बातचीत तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि ठोस कार्रवाई भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस को भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) को मंजूरी देनी चाहिए और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और बढ़ाना चाहिए। हेली ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका को भारत के ‘मेक इन इंडिया’ जैसे अभियानों का समर्थन करना चाहिए, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देशों के साथ मिलकर ही अमेरिका चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोक सकता है और अपनी वैश्विक स्थिति को बनाए रख सकता है।

आगे की राह: क्या बदल सकती हैं नीतियां?

निक्की हेली का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर तनाव की खबरें सामने आ रही हैं। चाहे वह रूस से तेल खरीदने का मामला हो या फिर कुछ खास प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर अमेरिका का संकोच। हेली का यह बयान अमेरिकी सरकार के लिए एक चेतावनी है कि वह भारत के साथ संबंधों को हल्के में न ले। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या उनकी इन चेतावनियों के बाद अमेरिकी विदेश नीति में कोई बदलाव आता है या नहीं। हेली का मानना है कि अमेरिका को यह समझना होगा कि भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र है, और उसे उसी सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहिए।

 

कृपया इस पोस्ट को साझा करें!
Leave A Reply

Your email address will not be published.