‘तन समर्पित, मन समर्पित’ पुस्तक का मोहन भागवत ने किया विमोचन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली में स्वर्गीय रमेश प्रकाश की जीवनी पर आधारित पुस्तक का विमोचन किया।
- नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में स्वर्गीय रमेश प्रकाश की जीवनी “तन समर्पित, मन समर्पित” का एक भव्य समारोह में लोकार्पण किया गया।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रमेश प्रकाश के जीवन को त्याग, अनुशासन और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक बताया।
- इस मौके पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इंडिया टुडे समूह की अध्यक्ष कली पुरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21 अगस्त, 2025: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने स्वर्गीय रमेश प्रकाश के जीवन और कार्यों को याद करते हुए उनके गुणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रमेश जी का जीवन हमें सिखाता है कि एक सच्चा कार्यकर्ता कौन होता है। उन्होंने कहा, “एक समर्पित कार्यकर्ता की पहचान उपाधियों, धन या सार्वजनिक प्रशंसा से नहीं, बल्कि आंतरिक अनुशासन, विनम्रता और व्यापक हित के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता से होती है।” डॉ. भागवत ने जोर देकर कहा कि रमेश जी इन सभी गुणों के प्रतीक थे।
भागवत ने रमेश जी की सबसे बड़ी शिक्षाओं में से एक को उजागर किया: राष्ट्र सेवा पारिवारिक जिम्मेदारियों की कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कैसे रमेश जी ने एक गृहस्थ के रूप में अपने परिवार का पालन-पोषण प्रेम और जिम्मेदारी से किया, और उसी भावना को समाज और राष्ट्र की सेवा तक बढ़ाया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत कर्तव्यों और जनसेवा को अलग नहीं, बल्कि एक-दूसरे का पूरक माना जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और कली पुरी ने की सराहना
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक जीवन में रमेश प्रकाश के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके मूल्य और निस्वार्थ सेवा की भावना आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने रमेश जी के जीवन को समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बताया और कहा कि वे हमेशा लोगों के कल्याण के लिए समर्पित रहे।
वहीं, इंडिया टुडे समूह की अध्यक्ष कली पुरी ने इस पुस्तक को एक समयोचित और महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हमें राष्ट्र निर्माण में व्यक्तिगत त्याग के महत्व की याद दिलाती है। पुरी ने कहा कि इस किताब में रमेश प्रकाश जी की अथक यात्रा को दर्शाया गया है, जिसका जीवन निस्वार्थ सेवा, समाज कल्याण और राष्ट्रीय उत्थान के लिए समर्पित था।
पुस्तक के बारे में और कार्यक्रम की महत्ता
सुरुचि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित “तन समर्पित, मन समर्पित” नामक यह पुस्तक स्वर्गीय रमेश प्रकाश के जीवन और उनके सिद्धांतों को गहराई से दर्शाती है। पुस्तक में सामुदायिक विकास, युवा लामबंदी, सांस्कृतिक संरक्षण और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में उनके योगदान का उल्लेख है। श्री सुमित मलुजा ने कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि रमेश जी अपने आदर्श आचरण से अमर हो गए हैं।
यह कार्यक्रम केवल एक साहित्यिक विमोचन नहीं था, बल्कि जीवन-मूल्यों का एक उत्सव था। बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, पत्रकार और छात्र इस अवसर पर उपस्थित रहे, जो रमेश प्रकाश के व्यक्तित्व के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। यह उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि रमेश जी ने अपनी सादगी और निस्वार्थ सेवा से कितने लोगों को प्रेरित किया था। कार्यक्रम का समापन सुरुचि प्रकाशन के श्री रजनीश जिंदल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और वंदे मातरम् गीत के साथ हुआ।