ट्रेन से लापता हुई MP की अर्चना तिवारी, 3500 किमी दूर नेपाल में मिली
मध्य प्रदेश के कटनी से ट्रेन में लापता हुई युवती की तलाश में GRP पुलिस ने दिन-रात एक कर दिया, आखिरकार मिली सफलता।
- मध्य प्रदेश के कटनी जिले की 20 वर्षीय अर्चना तिवारी अपनी मां के साथ ट्रेन में यात्रा करते समय रहस्यमय तरीके से लापता हो गईं थीं।
- GRP कटनी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आधुनिक तकनीक और खुफिया नेटवर्क की मदद से लापता युवती को भारत-नेपाल सीमा पर ट्रेस किया।
- लगातार प्रयासों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग से अर्चना को ढूंढ निकाला गया, जो पुलिस और उसके परिवार दोनों के लिए एक बड़ी राहत है।
समग्र समाचार सेवा
कटनी, मध्य प्रदेश, 20 अगस्त 2025: यह घटना तब शुरू हुई जब 20 वर्षीय अर्चना तिवारी अपनी मां के साथ मध्य प्रदेश के कटनी से सतना की ओर जा रही थीं। यात्रा के दौरान, अर्चना अचानक रहस्यमय तरीके से ट्रेन से लापता हो गईं। जब उनकी मां ने देखा कि अर्चना अपनी सीट पर नहीं हैं, तो उन्होंने तुरंत शोर मचाया और GRP (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) को सूचना दी। GRP कटनी ने तुरंत हरकत में आते हुए मामला दर्ज किया और लापता युवती की तलाश शुरू कर दी। यह एक सामान्य लापता होने का मामला नहीं था, क्योंकि GRP को यह पता लगाना था कि आखिर चलती ट्रेन से कोई लड़की गायब कैसे हो सकती है।
जांच में जुटा GRP का स्पेशल दल
GRP ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। टीम ने सबसे पहले रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। साथ ही, उन्होंने अर्चना के फोन कॉल और लोकेशन की जांच भी शुरू कर दी। तकनीकी टीम ने पाया कि आखिरी बार अर्चना के फोन की लोकेशन गोरखपुर में थी, जो भारत-नेपाल सीमा के बहुत करीब है। यह एक बड़ा सुराग था। टीम ने तुरंत नेपाल सीमा की ओर रुख किया और वहां के खुफिया नेटवर्क और स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा। उन्हें पता चला कि अर्चना ने सीमा पार कर नेपाल में प्रवेश किया था।
3500 किलोमीटर का सफर, नेपाल में मिली सफलता
पुलिस ने बिना समय गंवाए नेपाल के काठमांडू में स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क साधा और नेपाल पुलिस की मदद मांगी। दोनों देशों की एजेंसियों के बीच समन्वय से अर्चना की खोज तेज हो गई। आखिरकार, लगातार प्रयासों के बाद, पुलिस को बड़ी सफलता मिली। उन्हें एक गोपनीय सूचना मिली कि अर्चना नेपाल के एक सुदूर इलाके में रह रही है। पुलिस टीम ने तुरंत उस जगह पर छापा मारा और अर्चना को सुरक्षित ढूंढ निकाला। यह पुलिस के लिए एक बड़ी राहत थी, क्योंकि यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संज्ञान में आ गया था। अर्चना को नेपाल से वापस भारत लाया गया और GRP कटनी थाने में उसकी मां से मिलवाया गया।
अपहरण या अपनी मर्जी से गई? रहस्य बरकरार
अर्चना के वापस आने के बाद भी इस मामले में कई सवाल अनुत्तरित हैं। पुलिस अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वह किसी के बहकावे में आकर गई थी या फिर उसका अपहरण किया गया था। शुरुआती पूछताछ में अभी तक कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है। इस घटना ने एक बार फिर से ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, GRP कटनी के अधिकारियों ने जिस तत्परता और पेशेवर तरीके से इस मामले को संभाला, वह सराहनीय है। उन्होंने न केवल एक गुमशुदा युवती को खोजा, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि पुलिस और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के बीच सही समन्वय से किसी भी मुश्किल मामले को सुलझाया जा सकता है।