शुभ्रांशु शुक्ला ने स्पेस स्टेशन पर शोध की रिपोर्ट पीएम को सौंपी
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री को 'अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन' पर अपने शोध की जानकारी दी, 'माइक्रोग्रेविटी' जीवन पर हुई खास बातचीत।
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अंतरिक्ष में अपने शोध की विस्तृत जानकारी दी।
- उन्होंने ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (ISS) और ‘माइक्रोग्रेविटी’ में जीवन से जुड़े अपने अनुभवों और वैज्ञानिक शोध पर एक रिपोर्ट पेश की।
- यह मुलाकात भारत की महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ परियोजना और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 अगस्त, 2025: भारत के लिए गौरव का क्षण तब आया जब भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभ्रांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात इसलिए बेहद खास है क्योंकि शुभ्रांशु ने हाल ही में ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन’ (ISS) पर एक महत्वपूर्ण मिशन पूरा किया है। इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने शोध, अनुभवों और अंतरिक्ष में जीवन की चुनौतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पीएम मोदी ने भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री की उपलब्धियों और समर्पण की सराहना की। यह मुलाकात अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती शक्ति और महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है।
‘माइक्रोग्रेविटी’ और मानव जीवन पर शोध
शुभ्रांशु शुक्ला ने अपनी ब्रीफिंग में विशेष रूप से ‘माइक्रोग्रेविटी’ (कम गुरुत्वाकर्षण) के वातावरण में मानव जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने समझाया कि अंतरिक्ष स्टेशन पर इंसान का शरीर किस तरह व्यवहार करता है, हड्डियों और मांसपेशियों पर क्या असर होता है और भोजन तथा नींद की व्यवस्था कैसे काम करती है। उन्होंने सूक्ष्मजीवों के विकास और दवाओं के निर्माण से संबंधित अपने शोध के परिणामों पर भी प्रकाश डाला। यह शोध न केवल अंतरिक्ष यात्रियों के लिए बल्कि पृथ्वी पर स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों को समझने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
गगनयान के लिए प्रेरणादायक कदम
शुभ्रांशु की यह उपलब्धि भारत की ‘गगनयान’ परियोजना के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। भारत का लक्ष्य अपने स्वयं के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है, और शुभ्रांशु जैसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री का ज्ञान इस मिशन के लिए अमूल्य है। प्रधानमंत्री के साथ उनकी चर्चा ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा और गति देने का काम किया है। इस मुलाकात में ‘गगनयान’ की तैयारियों और भविष्य के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी बात हुई।
पीएम मोदी का अंतरिक्ष विज्ञान पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा से ही भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। उन्होंने इसरो (ISRO) और अन्य भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों की हमेशा सराहना की है। शुभ्रांशु शुक्ला के साथ उनकी यह बातचीत दर्शाती है कि सरकार अंतरिक्ष अनुसंधान को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता मानती है। यह ना केवल वैज्ञानिक प्रगति के लिए है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती साख के लिए भी जरूरी है।
शुभ्रांशु शुक्ला ने अपनी ब्रीफिंग में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की जिसमें आईएसएस पर किए गए शोध, माइक्रोग्रेविटी में जीवन की चुनौतियां और भविष्य की रणनीति शामिल थी। यह रिपोर्ट भारत के आगामी अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करेगी।