ऋषभ पंत की चोट से BCCI का बड़ा सबक, डोमेस्टिक क्रिकेट में बदले नियम
बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में 'गंभीर चोट' प्रतिस्थापन नियम लागू किया, 'शॉर्ट रन' और 'रिटायर्ड आउट' पर भी आए नए नियम।
- बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में ‘गंभीर चोट प्रतिस्थापन’ (Serious Injury Replacement) नियम लागू किया।
- यह फैसला ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ियों की चोट को ध्यान में रखकर लिया गया है।
- इसके अलावा, ‘शॉर्ट रन’ और ‘रिटायर्ड आउट’ पर भी नए नियम बनाए गए हैं।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18 अगस्त, 2025: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने घरेलू क्रिकेट के लिए तीन नए नियम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य खेल को और भी निष्पक्ष और खिलाड़ियों के लिए सुरक्षित बनाना है। इन नियमों में सबसे महत्वपूर्ण है ‘गंभीर चोट प्रतिस्थापन’ नियम। पिछले कुछ समय में, ऋषभ पंत जैसे कई खिलाड़ियों को गंभीर चोटों का सामना करना पड़ा है, जिसके कारण उनकी टीम को बीच मैच में परेशानी उठानी पड़ी। बीसीसीआई ने इस समस्या को समझते हुए यह ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे टीम अपने गंभीर रूप से घायल खिलाड़ी की जगह एक नया खिलाड़ी टीम में शामिल कर सकती है।
क्या है ‘गंभीर चोट’ प्रतिस्थापन नियम?
इस नए नियम के तहत, यदि किसी मैच में कोई खिलाड़ी गंभीर रूप से घायल हो जाता है और वह आगे खेलने की स्थिति में नहीं होता, तो टीम उसकी जगह एक नया खिलाड़ी शामिल कर सकती है। इस नए खिलाड़ी को टीम में शामिल करने के लिए, बीसीसीआई के डॉक्टर से ‘गंभीर चोट’ का मेडिकल सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। यह नियम खासकर रणजी ट्रॉफी और अन्य लंबे फॉर्मेट के मैचों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहाँ एक खिलाड़ी की चोट पूरी टीम के प्रदर्शन पर असर डाल सकती है। इससे टीमों को बीच में कमजोर नहीं होना पड़ेगा और वे अपनी पूरी ताकत से मैच खेल पाएंगी।
‘शॉर्ट रन’ पर आया नया फैसला
बीसीसीआई ने ‘शॉर्ट रन’ को लेकर भी एक बड़ा बदलाव किया है। अक्सर देखा जाता है कि बल्लेबाज दौड़ते समय गलती से क्रीज के बाहर ही रह जाता है और अंपायर ‘शॉर्ट रन’ का इशारा कर देता है। अब इस तरह के किसी भी फैसले से बचने के लिए, थर्ड अंपायर ‘शॉर्ट रन’ की जांच करेगा। अगर थर्ड अंपायर पाता है कि बल्लेबाज ने ‘शॉर्ट रन’ लिया है, तो वह इसकी सूचना फील्ड अंपायर को देगा। यह कदम खेल में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ाएगा और किसी भी तरह की मानवीय गलती को रोकेगा।
‘रिटायर्ड आउट’ का नया नियम
टी20 क्रिकेट में ‘रिटायर्ड आउट’ का नियम काफी समय से चर्चा में है। इस नियम के तहत, कोई भी बल्लेबाज अपनी पारी के बीच में बिना किसी चोट के मैदान छोड़ सकता है और उसकी जगह कोई नया बल्लेबाज आ सकता है। बीसीसीआई ने इस नियम को भी घरेलू क्रिकेट में लागू करने का फैसला किया है। हालांकि, यह नियम सभी फॉर्मेट में लागू नहीं होगा। इसका उद्देश्य खास तौर पर टी20 जैसे फॉर्मेट में टीम की रणनीति को और अधिक लचीलापन देना है। इससे टीमें अपनी बल्लेबाजी लाइन-अप को मैच की स्थिति के अनुसार बदल सकती हैं।
घरेलू क्रिकेट में नई क्रांति
बीसीसीआई के ये तीन नए नियम घरेलू क्रिकेट में एक नई क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। ये न सिर्फ खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, बल्कि खेल को और भी रणनीतिक और प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। इन नियमों का सीधा फायदा युवा खिलाड़ियों को भी होगा, जिन्हें चोटिल खिलाड़ियों की जगह खेलने का मौका मिलेगा। यह कदम भारतीय क्रिकेट को और अधिक पेशेवर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।