NDA के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर मंथन: कौन होगा अगला चेहरा?

जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए का मंथन जारी, रेस में कई दिग्गजों के नाम शामिल।

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  • जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद खाली हुए उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए अपना उम्मीदवार तय करने में जुटा है।
  • भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में कई नामों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें राज्यपाल और अनुभवी नेता शामिल हैं।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया गया है, जो एक बड़ा रणनीतिक फैसला होगा।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17 अगस्त, 2025: 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद, यह पद खाली हो गया है। इस महत्वपूर्ण संवैधानिक पद के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, और 9 सितंबर को मतदान होना है। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) इस पद के लिए अपने उम्मीदवार को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। आगामी चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एनडीए एक ऐसे चेहरे को सामने लाना चाहता है, जो न सिर्फ पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हो, बल्कि सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साध सके।

रेस में शामिल दिग्गजों के नाम

उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के संभावित उम्मीदवारों की सूची में कई प्रमुख नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के अनुसार, जिन नामों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, उनमें दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत शामिल हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारक शेषाद्रि चारी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का नाम भी चर्चा में है। आरिफ मोहम्मद खान को उनकी बौद्धिक क्षमता और भाजपा के प्रति निष्ठा के लिए जाना जाता है, जबकि थावरचंद गहलोत को दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व देने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

रणनीतिक फैसला: मोदी-नड्डा पर भरोसा

एनडीए के घटक दलों ने सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करने का अधिकार दिया है। यह फैसला इस बात को दर्शाता है कि पार्टी नेतृत्व इस पद के लिए उम्मीदवार के चयन को कितनी गंभीरता से ले रहा है। यह निर्णय न सिर्फ आगामी चुनाव की जीत सुनिश्चित करेगा, बल्कि 2029 के आम चुनाव से पहले एक मजबूत राजनीतिक संदेश भी देगा। उम्मीदवार का चयन करते समय, भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह व्यक्ति पार्टी और आरएसएस की विचारधारा से गहराई से जुड़ा हो।

पूरी प्रक्रिया और संभावित चुनौतियाँ

उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है। एनडीए के पास दोनों सदनों में बहुमत होने के कारण, उनके उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि, जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने पार्टी नेतृत्व को सतर्क कर दिया है। एनडीए एक ऐसे उम्मीदवार का चयन करना चाहता है, जो न केवल राज्यसभा के सभापति के रूप में प्रभावी हो, बल्कि सरकार के साथ भी बेहतर तालमेल बनाए रख सके। इस पद के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त है, और माना जा रहा है कि एनडीए उसी दिन अपने उम्मीदवार के नामांकन के दौरान एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन करेगा, जिसमें भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।

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